बिहार और गुजरात की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी शराब बंद करने को लेकर आवाजें उठने लगी हैं. अल इमाम वेलफेयर एसोसिएशन ने आज प्रेस वार्ता कर प्रदेश की भाजपा सरकार से मांग की और कहा कि राज्य में शराब पर प्रतिबन्ध लगाया जाये. अल इमाम वेलफेयर एसोसिएशन की प्रेस वार्ता में नहीं अखाड़ा परिषद् के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि नहीं पहुंच सके थे.

शराब बंदी को लेकर अभियान छेड़ने की कही बात

शराब से होने वाली तमाम हिंसा को रोकने के लिए उत्तर प्रदेश में शराब बंदी को लेकर प्रेस वार्ता आयोजित की गई थी. एसोसिएशन ने कहा कि शराब बंदी को लेकर प्रदेश में अभियान जरूरी है. एसोसिएशन ने योगी सरकार से मांग की है कि राजस्व पैदा करने के और भी तरीके है. केके शुक्ल का बयान आया और उन्होंने कहा कि मन्दिर और मस्जिदों के पास से हटे दुकान धर्मिक स्थलों के पास से शराब की दुकान हटे. यूपी में अपराध का मुख्य कारण शराब है. प्रदेश में शराब बंदी को लेकर आज महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई जिसमें गुजरात ओर बिहार की तर्ज पर शराब बंदी को लेकर आवाजें उठी.

धर्मिक स्थल पर शराब की बिक्री न हो:

यूपी में शराब बंदी को लेकर आल इमाम वेलफेयर एसोसिएशन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की. एसोसिएशन ने कहा कि किसी भी धर्मिक स्थल के आसपास शराब की बिक्री न हो ये भी जरूरी है. मस्जिद और मन्दिर के पास शराब की दुकान हटाई जानी चाहिए. संस्था के राष्ट्रीय अध्यक्ष इमरान हसन सिद्दीकी ने की प्रेस कॉन्फ्रेंस और उन्होंने कहा कि महिलाओं के प्रति अपराध की मुख्य जड़ शराब पीना है. अपराध में इसकी बड़ी भूमिका है. प्रेस कांफ्रेंस में कई संगठनों के प्रदेश अध्यक्ष शामिल हुए.गौरतलब है कि गुजरात के बाद उत्तर प्रदेश के पड़ोसी राज्य में शराब पर प्रतिबन्ध लगा दिया था. इसके बाद से ही आये दिन राज्य में भी शराब बंदी की मांग उठती रही है.

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