अस्पताल जहाँ स्वच्छता और दवाईयां होनी चाहिए, अगर वहां शराब की बोतले और गंदगी ही नजर आये तो प्रशासन और कर्मचारियों के समक्ष सवाल उठाना लाजमी है. यहीं हालत राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले का है, जहाँ सामूदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में जब  UttarPradesh.Org की टीम पहुंची, तो जो अव्यवस्थाएं और हालत देखने को मिले, वो न केवल कई सवाल उठाते हैं बल्कि मरीजों के स्वास्थ्य के प्रति चिंता भी जाहिर करते हैं.   

गंदगी और जलभराव से त्रस्त सीएचसी त्रिवेदीगंज:

बाराबंकी के हैदरगढ तहसील मुख्यालय सें मात्र सात किलो मीटर की दूरी पर स्थिति सीएचसी त्रिवेदीगंज में भारी अव्यवस्थाओं का बोलबाला है और अस्पताल परिसर में भीषण गंदगी के साथ जल भराव की समस्या जस की तस बनी हुई है।

साथ ही परिसर में कूड़े के बड़े -बड़े ढ़ेर मानों अस्पताल की शोभा बढ़ा रहे हो. बरसात के मौसम में साफ- सफाई के अभाव में संक्रमण जैसी गम्भीर बीमारियाँ फैलने का खतरा यहाँ बराबर बना हुआ है ।

UttarPradesh.Org की पड़ताल में सामनें आया सच, जिसे देख रह जायेंगे दंग:

UttarPradesh.Org की पड़ताल में सबसे हैरानी वाली बात तो यह सामने आयी जिसे देख आप चकित हो जायेंग। दरअसल सीएचसी त्रिवेदीगंज अस्पताल के पीछे कुड़े के डेढ़ में भारी तादात में बीयर (दारु) की खाली बोतलें के साथ-साथ कुछ अन्य आपत्तिजनक सामग्री पड़ी मिली।

जिसकी कुछ तस्वीरें हमारे संवाददाता द्वारा अपनें कैमरें में कैद कर ली गयी और इन तस्वीरों कों देख आप खुद स्वयं देखकर इस बात से साफ अंदाजा लगा सकते है की यहाँ आखिर चलता है क्या?

[penci_blockquote style=”style-3″ align=”left” author=”” font_weight=”bold” font_style=”italic”]अस्पताल परिसर में भारी जलभराव के साथ गंदगी का फैला है साम्राज्य , बरसात के मौसम में बढ़ा संक्रमण फैलने का खतरा [/penci_blockquote]

मिलीं बड़ी तादात में शराब की बोतलें:

वहीं हमारे संवाददाता द्वारा वहाँ पर मौजूद लोगों से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि अस्पताल के कर्मचारी ही शराबी हैं. यहाँ आखिर बाहर से आकर इन आपत्तिजनक सामग्रियों कों कौन छोड़ जाएगा ।

वहीं कुछ लोगों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि स्वास्थ्य केंद्र के कुछ कर्मचारी इसके सेवन के आदी है और वो अक्सर नशे में चूर रहते है, तभी तो यहाँ के चिकित्सक से लेकर कर्मचारी कोई तीमारदारों से सीधे मुंह बात नहीं करता है और ज्यादा कहने पर ये कर्मचारी अपनी हनक दिखाने लगते है।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=”” font_weight=”bold”]आखिर यहाँ इतनी बोतले लाता है कौन[/penci_blockquote]

कर्मचारियों पर शराब पीने का आरोप:

आखिरकार अस्पताल परिसर में भारी तादात में खाली दारु की बोतले मिलनें के बाद अब यह प्रश्न उठना स्वाभाविक है।

अस्पताल में तो इलाज होता है और यहाँ पर खाली बोतलें मिलना किसी के गले के नीचें नहीं उतर पा रहा है क्योंकि ग्रामीण क्षेत्र सें इलाज के लिए आने वाले मरीज तीमारदार ऐसा कर नहीं सकते।

तो आखिर अस्पताल में दारु की खाली बोतले के साथ आपत्तिजनक साम्रागी मिलना इस बात की ओर इसारा करता है जरुर यें अस्पताल कें कर्मचारियों की ही करतूत है ।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=”” font_weight=”bold”]कहीं यह शवाबी अस्पताल के कर्मचारियों की तो नहीं है[/penci_blockquote]

सीएचसी त्रिवेदीगंज परिसर में भारी तादात में दारु (बीयर) की खाली बोतलों के साथ कुछ आपत्तिजनक सामग्री मिलना कई तथ्यों की ओर इशारा करता है ।

वैसे अस्पताल परिसर में बीयर की खाली बोतलें मिलने के बाद एक बात तो स्पष्ट होती दिख रहीं है जरुर ही यह अस्पताल के कर्मचारियों की हो सकती है इसमें कोई दूसरा संदेह नहीं है।

मरीजों से करने हैं बदसलूकी:

क्योंकि अक्सर देखा गया है की अस्पताल के कर्मचारी व चिकित्सक मरीजों व तीमारदारों सें सीधे मुह बात नहीं करते है । कहीं इसके पीछे का राज शायद यही तो नहीं है ।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=”” font_weight=”bold”]क्या बोले जिम्मेदार[/penci_blockquote]
जब इस मामले में मुख्य चिकित्साधिकारी डा० रमेश चन्द्र से बात की गई तो उन्होंने बताया कि कूड़े का वह पुराना ढेर था।जिसे हटवाया गया है।और हाल ही मे प्रषूता की मौत के मामले में वहां पर तैनात दोषी कर्मचारियों को हटाया गया है, जल्द ही व्यवस्था में सुधार किया जायेगा, और दोषियों के खिलाफ कार्यवाही की जायेंगी।

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