यूपी के चीफ सेक्रेटरी आलोक रंजन 30 जून को रिटायर हो रहे हैं। रिटायर होने जा रहे मुख्य सचिव आलोक रंजन को विदाई का तोहफा देने के लिए यूपी सरकार, मुख्यमंत्री के सलाहकार का पद सृजित करने जा रही है। मुख्य सलाहकार को कैबिनेट मंत्री का दर्जा दिया जाएगा। आलोक रंजन के रिटायरमेंट के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने मुख्य सलाहकार की तैनाती का फैसला किया है। सूत्रों के मुताबिक आलोक रंजन को 1 जुलाई से ही इस पद पर तैनाती देने की तैयारी की जा रही है।
नियुक्ति विभाग के आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि मुख्य सलाहकार का एक अस्थायी गैर कडार पद मुख्यमंत्री के कार्यकाल या अग्रिम आदेश, जो भी पहले हो, तक के लिए बनाया जा रहा है। सरकार के इस प्रस्ताव को कर्मिक एवं वित्त विभाग की अनापत्ति भी मिल चुकी है।

चर्चा है कि इस बार उन्हें एक्सटेंशन नहीं मिलेगा, लेकिन इसके बावजूद सीएम अखिलेश आलोक रंजन को छोड़ना नहीं चाहते हैं। सूत्रों की मानें तो आलोक रंजन 1 जुलाई से सीएम के मुख्य सलाहकार का पद संभाल सकते हैं। इसके साथ ही आलोक रंजन को  यूपीएसआईडीसी के चेयरमैन पद का दायित्व भी दिया जाएगा।
मुख्यह सलाहकार बनने के पीछे कहा जा रहा है कि पिछले 2 सालों में सीएम के ड्रीम प्रोजेक्ट्स में जिस तरह की तेजी आई है, वह आलोक रंजन की ही देन है। ऐसे में सीएम उन्हें अपने साथ ही रखना चाहते हैं। इस तरह से वह लगातार सरकार को अपनी सेवा देते रहेंगे।

शानदार रहा कार्यकालः

1978 बैच के वरिष्ठ आईएएस अधिकारी आलोक रंजन 31 मई 2014 को मुख्य सचिव के पद पर तैनात हुए थे। 31 मार्च 2016 को उन्हें तीन महीने का एक्सटेंशन भी मिला। उन्होंने बीते 31 मई को अपना 2 साल का कार्यकाल पूरा कर लिया है। इन 2 सालों में उन्होंने कई मील के पत्थर लगाए हैं। मुख्य सचिव अब डाइरेक्ट फरियादियों से मिलकर उनकी समस्याओं को सुलझाते हैं। साथ ही सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट्स को लागू करवाने और विकास को गति दिलाने की दिशा में योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया।

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