उत्तर प्रदेश की बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर कुछ दिनों पूर्व ही योगी कैबिनेट ने एक बड़ा फैसला लिया और स्वास्थ्य विभाग को सख्त हिदायत देते हुए तत्काल इसमें सुधार करने की बात कही । वही जब हमारी टीम ने गुरुवार की रात अमेठी ज़िले में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों (सीएचसी) के हालात का रियलिटी चेक किया इस रियलिटी चेक में चौंकाने वाला सच सामने आया।

हमारी पड़ताल में समाने आया सच-

हमारी पड़ताल में दिखा कि आज भी शुकुलबाज़ार कस्बे की सीएचसी में आपात सेवा पटरी पर नहीं लौट रही है। गुरुवार रात आपात कालीन कक्ष में ताला लगा रहा और इमरजेंसी सेवा ठप रही। इलाज के लिए आए मरीज भटकने के बाद मायूस होकर लौट गए।

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सुस्त और सुप्त दिखी सुकुलबाजार सीएचसी की स्वास्थ्य सेवाएं-

गुरुवार की रात लगभग 2 बजे जब हमारी टीम ने सीएचसी कक्ष का जायजा लिया तो आपातकालीन कक्ष, ओपीडी कक्ष, ईएमओ कक्ष सहित अधीक्षक कक्ष में ताला लटका मिला। जिसके चलते पूरे बड़गाइन, पूरे शुक्लन, मवैय्या गाँव से आये कुछ मरीज वापस लौट सुबह होने का इंतजार करते दिखे। लोगों ने हमे बताया महिला चिकित्सक की कमी महिलाओं को आये दिन परेशान कर रही है। पूछने पर पता  चला कि डा दिनेश कुमार ड्यूटी पर है। जब इस बाबत जब उनसे हमारे प्रतिनिधि ने बात की तो उन्होंने बताया कि रात के वक्त मैं रूम पर रहता हूँ। जब मरीज आता है तो हमे सूचना दी जाती है और हम मरीज अटेंड करते है।

मामला चाहे जो भी हो लेकिन अब तो ये लगता है कि शुकुलबाज़ार सीएचसी की आपात सेवा कुछ समय से बेपटरी है पूर्व जिलाधिकारी अमेठी योगेश कुमार के आने पर सीएचसी की आपात सेवा सुचारु हो सकी थी लेकिन अब फिर पुराना ढर्रा शुरू हो गया है। यहाँ रहा सब कुछ ठीक-
वही दूसरी ओर जब कल यानी शुक्रवार को देर रात हमारी टीम ने मुसाफिर खाना सीएचसी का जायजा लिया तो वहाँ ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर व कर्मी कक्ष में बैठे दिखे ।

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खासा परेशान कर रही उच्चाधिकारियों की खामोशी-

जहाँ एक ओर योगी सरकार आम जनता को बेहतर सुविधा देने का प्रयास कर रही है,वही स्वास्थ्य विभाग के अफसर और कर्मचारी जमकर न सिर्फ लापरवाही बरत रहे हैं, बल्कि खुलेआम भ्रष्टाचार भी कर रहे हैं शिकायतें भी होती हैं, लेकिन उच्चाधिकारी मौन धारण किये हुए हैं।

बोले जिम्मेदार-

जब इस मामले को लेकर शुकुल बाजार सीएचसी अधीक्षक डॉ एस के गुप्ता से बात की गयी तो उन्होंने बताया कि रात के समय ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर परिसर के अंदर बने रूम में रहते है और सूचना पर मरीज अटेंड करते है लेकिन कुछ कर्मी कक्ष में उपस्थित रहते है ।

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