मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर जानलेवा बन चुका है रेल फाटक नहीं होने की वजह से आए दिनों दुर्घटनाओं में लोगों को जान गंवानी पड़ती है। रेल फाटक लगाने के प्रति रेलवे उदासीन बना हुआ है और लोगों की जान पर खतरा मंडराता रहता है।

क्या है पूरा घटनाक्रम?

  • अमेठी के मुसाफिरखाना थाना क्षेत्र अन्तर्गत मठाभुसुंडा मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर आज शाम 7:30 बजे लखनऊ की ओर से आ रही मेमो ट्रेन ने बारातियों से भरी बोलेरो को टक्कर मार दी।
  • इस हादसे में चार लोगों की मौत की खबर है।
  • जबकि 5 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
  • प्राप्त जानकारी के अनुसार, मठाभुसुंडा मानव रहित रेलवे क्रासिंग पर बारातियों से भरी एक बोलेरों रेलवे क्रासिंग आ रही थी कि उसी वक्त मेमो ट्रेन तेज गति से आई और बोलेरो को टक्कर मार दी।
  • टक्कर लगने से बोलेरो लगभग दो सौ मीटर दूर जा गिरी।
  • जिसमे बैठे चार बाराती धर्मेंद्र, रबी, रामदर्शन सरोज उर्फ अक्षय, राम राज यादव की दर्दनाक मौत हो गयी।
  • वहीं,गम्भीर रूप से घायलों में बनवारी यादव और उमाशंकर को जिला अस्पताल रेफर कर दिया गया।
  • सूचना पर रेलवे अधिकारी और पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंचे और बचाव व राहत कार्य जुट गये।

जागरुक नहीं हैं लोग

  • मानव रहित रेलवे क्रासिंग पार करने के नियमों की अनदेखी किये जाने से दुर्घटना होती है।
  • इस घटना पर दुख जताते हुए कुछ जागरूक लोग कहते हैं कि लोगों में जागरुकता की कमी है।
  • रेलवे द्वारा समय-समय पर मानव रहित व मानव सहित फाटक पार करने के नियम की जानकारी नुक्कड़ नाटक व अन्य माध्यम से दी जाती है।

गेट गिरने के बाद भी पार करने की हड़बड़ी

  • मानव सहित रेलवे क्रासिंग पर गेट गिरने के बाद भी पार करने की हड़बड़ी रहती है।
  • जिसे रोकने के लिये रेल विभाग द्वारा कोई कदम नहीं उठाया जाता है।
  • जबकि गेट गिरने के बाद पार करते पकड़े जाने पर 200-1000 तक का जुर्माना हो सकता है।
  • बावजूद गेट के नीचे से लोगों को मोटरसाइकिल, रिक्शा पार करते हुये आसानी से देखा जाता है।
  • शहरी क्षेत्र में जब लोग जागरूक नहीं हैं तो इसी से ग्रामीण इलाके का भी अंदाजा लगाया जा सकता है।
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