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बाराबंकी: देखभाल के अभाव में अपना अस्तित्व खो रहा प्राचीन शिव मंदिर

ancient shiva temple

ancient shiva temple

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से सटे हुए बाराबंकी जिले में एक ऐसा भव्य प्राचीन शिव मंदिर जो अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है। इस शिव मंदिर का निर्माण लगभग 350 वर्ष पहले हाड़हाँ रियासत की रानी रतनकुंवर ने कराया था। इसी मंदिर से सटा हुआ एक विशाल तालाब आज भी मौजूद है जिसे रानी का सगरा कहा जाता हैं। जानकारों की माने, रानी रतनकुंवर इसी तालाब में स्नान कर भगवान शिव की पूजा अर्चना करती थी। इस तालाब से जुड़ी हुई एक 200 मीटर सुरंग भी मौजूद है जो एक दूसरे तालाब को आपस में जोड़ती है।

अद्भुत मान्यताओं से परिपूर्ण है शिव मंदिर :

जब UttarPradesh.org की टीम बाराबंकी जनपद के विधानसभा दरियाबाद के दलसराय गांव पहुंची तो मंजर वाकई में चौकाने वाला था। यहाँ पर एक बहुत विशालतम शिव मंदिर मौजूद है जिसके निकट काफी बड़ा तालाब है। इसे देखकर प्रतीत होता है कि किसी राजा महाराजा द्वारा बनवाया गया है मगर अफसोस की बात तो यह है कि इतना भव्य प्राचीन शिव मंदिर जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते अपना अस्तित्व खोता जा रहा है। इसी राज घराने से ताल्लुक रखने वाले सपा सरकार में राज्यमंत्री रहे राजा राजीव कुमार सिंह भी इस मंदिर का जीर्णोद्वार नहीं करवा पाए हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]प्राचीन शिव मंदिर जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते अपना अस्तित्व खो रहा है[/penci_blockquote]

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ग्रामीण करते हैं देखभाल :

वर्तमान में स्थानीय ग्रामीण अपने निजी व्यवस्थाओं से मंदिर की देखभाल करते हैं। जब मंदिर के पुजारी बाबा राममिलन से बात की गई तो उन्होंने बताया कि यह शिव मंदिर काफी अद्भुत शक्ति वाला है। यहां मान्यताएं जल्द पूर्ण होती हैं और लोग सोमवार के दिन भारी मात्रा में जलाभिषेक करने आते हैं। इसके अलावा मंदिर में वार्षिक भंडारे का आयोजन माघ माह के जन्म सप्तमी को किया जाता है। इसके साथ ही यहां पर कार्तिक पूर्णिमा को विशाल मेला लगता है व दूरदराज के लोग पूजन के लिए भी आते हैं।

[penci_blockquote style=”style-1″ align=”none” author=””]स्थानीय ग्रामीण अपने निजी व्यवस्थाओं से मंदिर की देखभाल करते हैं[/penci_blockquote]

स्वतंत्रता सेनानी सुभाष चन्द्र बोस ने यहाँ बिताई कई रातें :

स्थानीय निवासी जमुना प्रसाद शर्मा, सर्वेश शर्मा, जोखन लाल, पिंटू शर्मा, अनिरुल यादव ने बताया कि इसी शिव मंदिर से कुछ दूरी पर स्थित हाड़हाँ गांव के जंगलों में स्वतंत्रता सेनानियों ने कई दिनों तक अंग्रेजों से लडाई के समय यही पर रुके थे। नेताजी सुभाषचंद्र बोस, चंद्र शेखर आजाद जैसे महापुरुषों का यहां से नाता था। वह लोग यहीं पर अंग्रेजों से लोहा लेते वक्त कई-कई दिनो तक विश्राम किया करते थे।

रिपोर्ट: दिलीप तिवारी

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