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पशुपालन विभाग तथा उत्तर प्रदेश गोसेवा आयोग द्वारा आरटीआई एक्टिविस्ट डॉ नूतन ठाकुर को दी गयी सूचना से अपर्णा यादव द्वारा संचालित कान्हा उपवन को दिए गए अनुदान में नियमों के शिथलीकरण और उनकी अवहेलना की बात सामने आई है। इसे लेकर अब अपर्णा (aparna) यादव ने अपनी सफाई भी दे दी है।

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तो क्या है इसमें गलत :

  • जन सूचना अधिकारी डॉ संजय यादव की सूचना दिनांक 23 मई 2017 के अनुसार कान्हा उपवन, नादरगंज, लखनऊ का संचालन होता है।
  • इस जीव आश्रय गोशाला को वर्ष 2013 में 1.25 करोड़, 2014 में 1.46 करोड़ की राशि दी गयी।
  • साथ ही 2015 में 2.58 करोड़ तथा 2016-17 में 2.56 करोड़ अर्थात कुल 7.85 करोड़ रुपये की सहयोग राशि दी गयी थी।
  • सूचना के अनुसार पहले यह अनुदान कृषि विपणन विभाग के शासनादेश दिनांक 03 अक्टूबर 2006 के अनुसार दिया जाता था।
  • अनुदान मिलने में विलम्ब होने के आधार पर इस शासनादेश को 08 जनवरी 2016 को बदल दिया गया।
  • शासनादेश में गोसेवा आयोग द्वारा प्रेषित प्रस्ताव पर निदेशक, पशुपालन विभाग के अनुदान दिए जाने की व्यवस्था है।
  • संयुक्त निदेशक, गोशाला, पशुधन विभाग द्वारा दिनांक 05 मई 2017 के अनुसार मात्र वर्ष 2016-17 में संस्तुति ली गयी।
  • अब अपर्णा यादव ने इस पर कहा है कि तो इसमें गलत ही क्या है।
  • उन्होंने कहा कि यदि कोई संस्था जानवरों के लिए अच्छा काम कर रही है।
  • अगर उन्हें आर्थिक मदद की गयी है तो इसमें गलत ही क्या हुआ है।

 

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