अपना दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल के मुख्य अतिथि में आज अपना दल केन्द्रीय कार्यालय में मण्डल अध्यक्ष एवं जिला अध्यक्षों की संयुक्त मासिक बैठक प्रदेश अध्यक्ष पल्लवी पटेल की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई जिसमें राष्ट्रीय और प्रान्तीय पदाधिकारी भी मौजूद रहे. दल की राष्ट्रीय अध्यक्ष कृष्णा पटेल ने पदाधिकारियों को नववर्ष की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि संगठन को मिशन 2019 लोकसभा चुनाव की कामयाबी के लिए हमें युद्ध स्तर पर संगठन को धरातल पर उतारना होगा.

संगठन को मजबूत बनाने पर काम

सत्ता की दहलीज़ में पहुंचाने वाला सबसे बड़ा सिपाही बूथ का पदाधिकारी होता है. जिस तरह से भारत की सीमा में हमारा नौजवान देश की पहरेदारी करता है उसी प्रकार बूथ का सिपाही चुनाव में बूथ की हिफाजत कर दल को वोट दिलाकर संगठन के लिए मुख्य धुरी (सत्ता की कुंजी) का काम करता है. संगठन को गति देने के लिए सदस्यता अभियान को बड़े पैमाने पर सेक्टर स्तर पर कैम्प लगाकर सदस्यता दिलाने का काम किया जायेगा. सदस्यता अभियान को कामयाब बनाने के लिए जिला इकाई को पूरी जिम्मेदारी होगी.  अनुशासन से ही संगठन मजबूती की ओर जाता है.

नोटबंदी और GST से नहीं उबर पाया आम आदमी

 दल की प्रदेश अध्यक्ष पल्लवी पटेल ने कहा कि आप लोगों ने हमें जो प्रदेश की जिम्मेदारी दी है उसके सारथी आप ही लोग बनेंगे जिससे मिशन 2019 लोकसभा चुनाव में विजय दिला सकूं. बिना आप लोगों के सहयोग से हम अपने आप में कुछ भी नहीं, आप सभी लोगों को और बूथ के सैनिकों को हमारा साथ देना होगा. पल्लवी पटेल ने कहा कि प्रदेश सरकार ने प्रदेश की आवाम से वादा किया था कि महंगाई के दौर पर बिजली मूल्य नहीं बढ़ाया जायेगा लेकिन प्रदेश की पूंजीपतियों की सरकार ने महंगाई के दौर में आम आदमी और किसानों के लिए विद्युत मूल्य बढ़ाकर उनकों परेशानी में डाल दिया. सरकार को पूनः अपना संकल्प पत्र पर पढ़कर इस पर विचार करना चाहिए. अभी नोटबंदी और जीएसटी से आम आदमी उभर नहीं पाया विद्युत मूल्य बढ़ाने से सरकार ने कमर तोड़ने का काम किया.

यूपीकोका को बताया अनावश्यक

पूर्व की प्रदेश सरकार की अपेक्षा वर्तमान की भाजपा सरकार में 27 प्रतिशत अपराधों में वृद्धि हुई है. कोई भी व्यक्ति अपने को सुरक्षित नहीं महसूस नहीं कर रहा है. जब पुलिस के जवानों पर प्राणघातक हमला हो रहा है तो आम आदमी प्रदेश में कैसे सुरक्षित महसूस करेगा. नाबालिग बच्चियां भी सुरक्षित नहीं है. हाल ही में उ0प्र0 में अपराधों को नियंत्रण के लिए यूपीकोका लाया गया है जो अपराधों पर नियंत्रण न कर विपक्ष पर इसका प्रयोग किया जायेगा। मकोका महाराष्ट्र में अपराधियों पर अंकुश नहीं लगा सका तो फिर उ0प्र0 में इसकी आवश्यकता नहीं थी.

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