साल 2019 में होने वाले अर्द्धकुंभ (Ardh Kumbh) के लिए मेला परिसर में नया कंट्रोल रूम बनाया जाएगा। इसके लिए सरकार ने एक करोड़ 70 लाख 65 हजार रुपये की वित्तीय स्वीकृति दी है। इस रकम के सापेक्ष 50 फीसदी रकम काम के लिए जारी भी कर दी गई है।
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अर्द्धकुंभ की तैयारियों को लेकर बैठक कर रही सरकार
- पिछले कुछ समय से सरकार लगातार 2019 में होने वाले अर्द्धकुंभ की तैयारियों को लेकर बैठक कर रही है।
- पिछली बैठक में ही मुख्य सचिव राजीव कुमार ने शासन और इलाहाबाद प्रशासन से जुड़े अधिकारियों को आदेश दिए थे कि वे सिक्यॉरिटी और यातायात पर विशेष ध्यान दें।
- यह कंट्रोल रूम माघ मेला कार्यालय परिसर में ही बनेगा।
- इसके अलावा तैयारियों के संदर्भ में इलाहाबाद जिला प्रशासन और मंडलायुक्त कार्यालय में निर्माण के लिए भी वित्तीय स्वीकृति जारी कर दी गई है।
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मेले का इतिहास 850 साल पुराना
- भक्तों का सबसे बड़ा कुम्भ पर्व विश्व में किसी भी धार्मिक प्रयोजन हेतु संग्रहण है।
- लाखों की संख्या में लोग इस पावन पर्व में उपस्थित होते हैं।
- पुराणों के मुताबिक, कुंभ मेले का इतिहास कम से कम 850 साल पुराना है।
- ऐसा कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने इसकी शुरुआत की थी, लेकिन कुछ कथाओं के अनुसार कुंभ की शुरुआत समुद्र मंथन के आदिकाल से ही हो गई थी।
- महापुराणों के मुताबिक, मंथन में निकले अमृत का कलश हरिद्वार, इलाहबाद, उज्जैन और नासिक के स्थानों पर ही गिरा था, इसीलिए इन चार स्थानों पर ही कुंभ मेला हर तीन बरस बाद लगता आया है।
- 12 साल बाद यह मेला अपने पहले स्थान पर वापस पहुंचता है।
- हरिद्वार में गंगा, उज्जैन में शिप्रा, नासिक में गोदावरी और इलाहाबाद में संगम जहां गंगा, यमुना और सरस्वती मिलती हैं।
- अर्धकुम्भ मेले (Ardh Kumbh) का आयोजन अगले साल 2019 में होगा।
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Sudhir Kumar
I am currently working as State Crime Reporter @uttarpradesh.org. I am an avid reader and always wants to learn new things and techniques. I associated with the print, electronic media and digital media for many years.