कानपुर में आज आर्मी इंटेलीजेंस ने एक फर्जी कर्नल को गिरफ्तार कर लिया. कर्नल की वर्दी पहने युवक पर शक होने के बाद इंटेलिजेंस ने उसके बारे में सेना हेडक्वार्टर से पूछताछ की तब मालूम पड़ा कि उसके नाम का तो कोई कर्नल कार्यरत है ही नहीं. युवक के पास से फर्जी नियुक्ति पत्र सहित बैच संख्या और अन्य आर्मी के फर्जी दस्तावेज बरामद हुए. 

युवाओं को आर्मी में नौकरी दिलाने के नाम पर टप्पेबाजी:

आज कल आर्मी में नौकरी दिलाने को लेकर ठगी का सिलसिला काफी बढ़ चला हैं. इसको लेकर कई बार शिकायतें भी की जा चुकी हैं. इसी मामलें में आज कानपुर के चकेरी थानाक्षेत्र में आर्मी इंटेलीजेंस को एक युवक सेना की वर्दी पहने मिला और कर्नल के पद के अनुसार उसकी वर्दी थी। लेकिन शक होने पर आर्मी इंटेलीजेंस ने उसके नाम और बैच नंबर को नोट कर तत्काल सेना हेडक्वार्टर से संपर्क किया।

इस दौरान इंटेलीजेंस ने उस पर बराबर नजर बनाये रखी। जिसके बाद वहां से जवाब आया कि इस नाम से कोई भी कर्नल नहीं है। इसके बाद  आर्मी इंटेलीजेंस की टीम ने उसको हिरासत में ले किया और कार्यालय ले कर आ गये, जहाँ सख्ती से पूछताछ के बाद युवक ने सबकुछ कबूल दिया।

इंटेलीजेंस के मुताबिक युवक ने अपना असली नाम योगेंद्र शिवहरे बताया जबकि फर्जी कर्नल वह योगेन्द्र कुमार गुप्ता के नाम से बना हुआ था।

युवक को घाटमपुर पुलिस के हवाले किया:

इंटेलीजेंस के मुताबिक उसके पास से फर्जी ज्वाइनिंग लेटर और बैच नंबर सहित तमाम सेना से जुड़े फर्जी दस्तावेज मिले हैं। बता दें कि  करीब एक माह पहले घाटमपुर थानाक्षेत्र में एक व्यक्ति ने शिकायत की थी कि कुछ लोग सेना में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी कर रहें हैं.

जिसके बाद आज हिरासत में लिए गये फर्जी कर्नल को घाटमपुर पुलिस के हवाले कर दिया गया है। घाटमपुर सीओ ने बताया कि युवक से पूछताछ की जा रही है और पूरे गिरोह का जल्द ही पर्दाफाश किया जायेगा।।

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