उन्नाव जिले के मगवारा स्थित निजी फैक्ट्रियों द्वारा रात के अन्धेरे में क्षेत्र में फेंकी जा रही राख लोगों के लिए मुसीबत साबित हो रही है। सड़क के किनारे और बस्ती के अंदर फैली राख ग्रामीणों को बीमार कर रही है। शिकायत के बावजूद फैक्ट्रियों पर कोई कार्यवाही नहीं हो रही है। इसके चलते मालिकानों के हौसले बुलन्द है।

मगरवारा निवासी बाबूलाल, अशोक, दाताराम, श्रीकिशन, सुखलाल, अब्दुल, अकील, रईस आदि बताते हैं कि रात के अंधेरे में ट्रैक्टरों में भर-भर कर लायी गयी फैक्ट्रियों की राख गाँव के भीतर फेंक दी जाती है। सड़क के किनारे भी बिना किसी भय के राख डाल दी जाती है, जो आवागमन के समय मुश्किलें पैदा करती है। हवा चलने पर राख के कण उड़ कर आँखों में पहुँच जाते हैं। जिससे आँखों में तेज जलन एवं दर्द शुरू हो जाता है। बिना इलाज के इससे राहत मिलना मुश्किल हो जाता है। सांस के रास्ते ये शरीर के अन्दर पहुँच जाते है जिससे बेचैनी होती है।

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फसलों पर पड़ता है बुरा प्रभाव

खेतों में पड़ी राख से किसानों को काफी दिक्कत होती है। खेतों में काम के समय उनको उड़ती राख से परेशानी के अलावा फसलों पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। ग्रामीणों के मुताबिक कई बार जिला प्रशासन एवं प्रदूषण नियंत्रण विभाग से इसकी शिकायत की गयी, लेकिन कोई सुनवाई नही हुयी।

ये गाँव हैं पीड़ित

मगरवारा के अलावा मसवासी, गलगलहा, सहजनी आदि गाँव में फैक्ट्रियों द्वारा फेंकी जा रही राख से समस्या हो रही है। इसके अलावा शहरी क्षेत्र अकरमपुर के वासिन्दे भी इस समस्या का दंश सहने को मजबूर हैं।

यहाँ से आती है ये राख

मगरवारा सहित आसपास के काफी गाँवों के लिए सिरदर्द बनी राख मगरवारा एवं अकरमपुर स्थित कई निजी फैक्ट्रियों से आती है। बताते हैं कि फैक्ट्रियों के ब्वायलर से ये अवशिष्ट के रूप में निकलती है। नियमानुसार इस राख को सुरक्षित तरीके से आबादी के बाहर फेंकना चाहिए। बावजूद इसके रात के समय इसे गाँवों के भीतर ही डलवा दिया जाता है।

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श्रद्धालुओं के लिए भी परेशानी

क्षेत्र के गोकुलबाबा मंदिर को जाने वाले दोनों ही रास्तों के किनारे पर पड़ी फैक्ट्री की राख भक्तों के परेशानी का सबब बनती है। प्रतिदिन इस रास्ते से होकर बड़ी संख्या में लोग मंदिर पहुँचते हैं। मंदिर प्रांगण के आस पास भी कुछ जगहों पर राख पड़ी रहती है। जो सबके लिए मुश्किलें पैदा करती रहती है। कई बार लोग इस पर रोक लगाने के लिए जिम्मेदारों से फरियाद कर चुके हैं।

इन फैक्ट्रियों से निकलती है राख

मगरवारा मे खण्डेलवाल एकर ट्रक्शन, महाबीर जैन कालिया, रिमझिम व अकरमपुर मे ए सी आयल्स प्रा०लि०, खन्ना पालीरिव, गर्ग इण्डिया आदि फैक्ट्रियों  से राख निकलती है।

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