जौनपुर:  गोमती के दोनों किनारों पर बसा जौनपुर केवल एक जिला ही नही एक जीवत इतिहास भी है महर्षि यमदग्निपुरम की तपोस्थली व शर्की शासनकाल में राजधानी रहे इस शहर की अलग पहचान है तुगलक वंश के पतन के बाद फिरोजशाह तुगलक के काल में जौनपुर का नाम अवनीपुर से जौनपुर हो गया और उसके मरने के बाद जौनपुर इब्राहिम शाह शर्की के काल में स्वतंत्र राज्य हो गया। इस दौरान जौनपुर का शाही किला, अटाला मस्जिद, झंझरी मस्जिद, शाह का पंजा नाथुपुर सहित कई ऐतिहासिक धरोहऱो का  निर्माण कराया गया। जिनमे से आज हम आपको रुबरु करा रहे है जनपद के एक ऐसे मस्जिद के बारे में जिसकी निर्माण शैली हूबहू मंदिर से मिलती है। दरहसल जिसके बारे में लिबरल इतिहासकार यह बताते नहीं थकते कि यह भारत का अपने आप में ऐसा मस्जिद है, जो बिना किसी मीनार के बना है और इसकी बनावट में हिंदू मुस्लिम स्थाप्त्य कला का बेजोड़ नमूना देखने को मिलता है।

जौनपुर का एक प्रसिद्ध पर्यटन आकर्षण है ये मस्जिद।

ये मस्जिद जौनपुर का एक प्रसिद्ध पर्यटन आकर्षण है, जो यहां के स्थानीय लोगो के साथ साथ पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है। इस मस्जिद का निर्माण 1408 में यहां के शासक सुल्तान इब्राहिम शर्की ने करवाया था। हालांकि इसकी आधारशिला 1377 में दिल्ली के सुल्तान फिरोज शाह तुगलक तृतीय के शासनकाल में रखी गई थी। वही ये मस्ज़िद अटाला मस्जिद के नाम से जानी जाती है। मस्जिद में खूबसूरत गैलरियाँ है जो कलात्मककृतियों से सुशोभित है। एक विशाल बरामदा और आकर्षक फौव्वारा इस इमारत की शोभा बढ़ातेहै। मस्जिद की ऊंची छत और शानदार स्थापत्य शैली सैलानियों और यहाँ इबादत करने वालोंके दिल जीत लेती हैं। यही नही अटालामस्जिद का महत्व इस रूप में है कि यह मस्जिद जौनपुर की अन्य मस्जिदों के निर्माण हेतु आदर्श स्थापत्य है। मस्जिद के तीन तोरण द्वार हैं जिनमें सुंदर सजावट की गई है। बीच का तोरण द्वार सबसे ऊंचा है और इसकी लंबाई २३ मीटर है। इसकी बनावट देखकर कोई भी शर्की स्थापत्य की उच्चस्तरीय निर्माण कला का आसानी से अंदाजा लगा सकता है।

भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखभाल में  है अटाला मस्जिद ।

अटाला मस्जिद पूर्व में मां अटला देवी का मंदिर था जिसका उल्लेख किताबो और पुराणों में भी मिलता है जिसे शर्की शासकों द्वारा अटाला मस्जिद में परिवर्तित कर दिया गया। यही कारण है कि इस मस्जिद की रचना मंदिर से मिलती है। यहां और भी ऐसी प्राचीन इमारतें हैं जिन्हें नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। फ़िलहाल आज अटाला मस्जिद, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण की देखभाल में है।

ByTanmay Baranwal

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें