2019 के लोकसभा चुनावों की सभी पार्टियों ने तैयारियां शुरू कर दी है। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जहाँ पार्टी पदाधिकारियों के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है तो वहीँ अन्य दलों ने भी बीजेपी को रोकने के लिए अपनी जोरदार तैयारी शुरू कर दी है। बीते दिनों सपा के एक बाहुबली और माफिया ने नयी पार्टी बनाने का ऐलान किया था हालाँकि उसने अब तक कुछ भी ऐसा नहीं किया है जिसके बाद उनके सियासी भविष्य पर सवाल उठना शुरू हो गए हैं।

अतीक अहमद ने किया था ऐलान :

देवरिया जेल में बंद बाहुबली माफिया अतीक अहमद के लिए लोकसभा चुनाव 2019 आसान नहीं होने वाला है। एक समय में मुलायम सिंह यादव के खास रहे अतीक अहमद इस समय किसी दल में नहीं रह गए है। अखिलेश यादव ने यूपी विधानसभा 2017 में उसका टिकट कानपुर कैंट से काट दिया था। इसके बाद अतीक अहमद ने सपा को छोड़ दिया था। फूलपुर उपचुनाव में अतीक अहमद ने निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में भाग्य आजमाया लेकिन सफलता नहीं मिली थी। इसके बाद अतीक अहमद ने खुद की पार्टी बनाने की बात कही थी जिस पर अभी तक अमल नहीं हो पाया है।

महागठबंधन से टिकट मिलना है मुश्किल :

बाहुबली अतीक अहमद के सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव से अच्छे संबंध नहीं है। विधायक राजू पाल की हत्या का आरोप लगने के बाद से मायावती भी अतीक अहमद से नाराज हैं। बीजेपी से अतीक अहमद को टिकट मिल नहीं सकता है। हालाँकि अतीक के परिजनों ने बसपा सुप्रीमो मायावती से तल्खी कम करने का प्रयास किया है लेकिन अभी तक सफलता नहीं मिल पायी है। ऐसे में बड़ा सवाल है कि अतीक अहमद अपनी नयी पार्टी नहीं बनाते हैं तो किस दल के सहारे चुनाव लड़ेंगे। हालाँकि 2019 में उनके निर्दलीय चुनाव लड़ने की ज्यादा उम्मीदें हैं। वे पहले भी कई बार निर्दलीय चुनाव लड़ चुके हैं।

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