अतीक अहमद को लेकर यूपी में सियासत गर्म है. नैनी कृषि संस्थान में मारपीट करने वाले अतीक अहमद को पुलिस गिरफ्त में लेने के बजाय पूरी मदद कर रही है.

अतीक अहमद ने कृषि संस्थान, नैनी में वीसी और उनके सहयोगियों को गालियाँ दी थीं और मारपीट की. जिसके बाद अतीक को लेकर सियासत गर्म हो गई थी. खुलेआम गुंडागर्दी की वारदात के बाद इलाहाबाद की इस घटना की गूंज लखनऊ में भी सुनाई दी. सपा अध्यक्ष शिवपाल को आकर सफाई देनी पड़ी कि अगर अतीक दोषी पाए गए तो उनपर कार्यवाई की जाएगी. सवाल ये है कि अतीक के कारनामों का कच्चा चिट्ठा जानते हुए सपा ने उन्हें टिकट क्यों दे दिया?

अब जबकि अखिलेश यादव सरकार की किरकिरी हो रही है, बावजूद इसके अतीक अपने आप पर काबू नहीं रखना चाहते हैं. अतीक ने इलाहाबाद में ऐसा आतंक मचा रखा है कि वहां की पुलिस ने भी अतीक के सामने घुटने टेक दिए हैं. पुलिस को दिए गए निर्देश एक्शन में बदलने से पूर्व अतीक तक पहुँच जाते हैं.

जब पुलिस खुद ही मुखबिर बन गई है तब अतीक को रोकने की हिमाकत कौन कर सकता है. एसपी रूलर के पास जो आदेश था अतीक को लेकर, वो खबर अतीक तक पहुँच गई. पुलिस पूरी तरह से इस मामले में अतीक का कवच बन चुकी है. अतीक अहमद के खौफ के कारण अब इलाहाबाद में लोग खुद को सुरक्षित नहीं महसूस कर रहे हैं.

पीआरओ रमाकांत दुबे की भद्दी गालियाँ:

https://youtu.be/rUF7kiTn07Y

 

अतीक ने किसी गुर्गे शमशाद के फोन से पीआरओ रमाकांत दुबे को फ़ोन करके जान से मारने की धमकी दी है. भद्दी-भद्दी गालियाँ देने के अलावा बातचीत के दौरान ये भी कहा गया है कि एसपी ने अतीक और उनके गुर्गों को खबर कर दी थी. ऑडियो क्लिप में रिकॉर्ड हुई बातचीत में एसपी की बातों का जिक्र भी किया गया है. फोन पर रमाकांत दुबे को धमकी देते हुए कहा गया कि अभी मार का मजा कहाँ लिए हैं, मार कैसी होती है , जल्दी ही पता चल जायेगा . अतीक ने ऐसी-ऐसी गालियाँ दी हैं कि उसे लिखा नहीं जा सकता है 

मामला सीधे समाजवादी पार्टी से जुड़ा है लेकिन अखिलेश यादव खामोश हैं. एक तरफ अखिलेश यादव विकास की बात करते हैं, प्रदेश में कानून-व्यवस्था को बनाये रखने की बात करते हैं लेकिन अतीक के मामले में उनकी चुप्पी अलग ही कहानी कह रही है. अपराध रोकने के लिए डायल 100 का विस्तार करने वाले अखिलेश यादव अतीक को लेकर कुछ भी बोलने से कतरा रहे हैं.

अखिलेश यादव सरकार में प्रदेश में अपराध और अपराधियों का बोलबाला रहा है. लेकिन इस बाबत जब भी अखिलेश बोलते हैं तो वो मीडिया पर निशाना साधते हैं. बात चाहे मथुरा-कांड की हो या बुलंदशहर बलात्कार मामले की, अखिलेश ने मीडिया को निशाने पर लिया है और अपराध के बढ़ते स्तर पर बोलने से कतराते रहे हैं.

बाहुबलियों के वर्चस्व को चुनौती देने में पुलिस नाकाम रही है और अब इलाहाबाद में आलम ये है कि अतीक और उनके गुर्गे जब चाहे जहाँ चाहे किसी भी घटना को अंजाम दे सकते हैं. इलाहाबाद पुलिस मामलों की लीपापोती करने में कसर नहीं बाकी रखती है.

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