फर्रुखाबाद जिले में बैंकों का हाल बेहाल है। जनता रुपयों को लेकर इस बैंक से लेकर उस एटीएम तक दौड़ लगा रही है पर पैसे किसी को नहीं मिल पा रहे हैं। होली के त्योहार पर समाज के अंदर हर आदमी रुपयों को लेकर काफी परेशान हो रहा है। शहर क्षेत्र में लगभग दो दर्जन से अधिक अलग अलग बैंकों के एटीएम लगे हुए है, लेकिन किसी भी एटीएम से पैसा नहीं निकल रहा है। कुछ एटीएम में पैसा अंदर पड़ा हुआ है तो उसका सर्वर डाउन होने की वजह से पैसा नहीं निकल रहा है।

जिले में बैंक के उपभोक्ताओं से इस परेशानी को लेकर बातचीत की गई तो बहुत से लोगों ने कहा कि जेब में पैसा नहीं हैं। बच्चे होली के त्योहार को लेकर कपड़े आदि सामान की मांग करते है, जो भी पैसा कमाते हैं उसको सुरक्षित रखने के लिए बैंक में जमा कर देते है। वर्तमान समय में हम लोग अपना रुपया नहीं ले पा रहे है। पता नहीं इस वर्ष की होली तो भगवान भरोसे मनाई जायेगी। बैंकों में रुपया न होने का प्रभाव व्यापारियों पर भी पड़ रहा है। लोग खरीद करने के लिए लोगों से रुपया कर्जा मांग रहे है, जिससे वह अपने बच्चों को होली के मौके पर कुछ खुशी दे सकें।

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जिले में प्राइवेट बैंकों से लेकर सरकारी बैंक हो सभी इसी बात से जनता को परेशान कर रहे है। यदि बैंक में जो रुपया निकालने जाता है तो घण्टों लाइन में लगा रहता है। बाद में पता चलता है कि रुपया खत्म हो गया है। उपभोक्ता मायूस होकर अपने घर चलें जाते है, लेकिन नोट बन्दी को लेकर जब जनता परेशान थी वही हाल होली के त्यौहार के समय चल रहा है। देखना यह होगा कि सरकार व अधिकारी जनता की इस परेशानी का कैसे समाधान करा पायेगी।

कैसलेस हो गया एटीएम

एटीएम में पैसा न होने से जिला हो गया कैशलेश-एटीएम के चक्कर लगा रहे लोगों से जब उनसे पूछा गया तो उनका दर्द उनकी जुबान पर आ गया क्योंकि जो लोग पैसा निकालने के लिए पहुंच रहे थे वह लोग यही कहे रहे थे कि भाजपा सरकार की जो योजना थी, वह त्यौहार पर पूरी होती नजर आ रही है, क्योंकि जनता को पैसा नहीं मिल रहा है इसलिए जिला की जनता कैशलेश हो गई है। किसी की जेब में अपने परिवार पर खर्च करने के लिए कोई पैसा नहीं है। जबकि जनता अपनी गाढ़ी कमाई केवल त्यौहार पर ही खर्च करते है, लेकिन जब उनकी गाढ़ी कमाई बैंक में कैद है तो वह अपने परिवार को कैसे खुश कर सकते है।

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