उत्तर प्रदेश के बदायूं जिला में शुक्रवार को पटाखा गोदाम में हुए विस्फोट की जाँच करने के लिए लखनऊ से आतंकवाद निरोधक दस्ता (एटीएस) की एक टीम जांच करने पहुंची। एटीएस की टीम ने नमूने लिए और जाँच प्रारम्भ की है। मालूम हो कि दीपावली से पहले जिला तथा पुलिस प्रशासन की लापरवाही के कारण पटाखा गोदाम में विस्फोट में आठ लोगों ने जान गंवा दी थी। इस हादसे का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी संज्ञान लिया है। उन्होंने लापरवाही पर कड़ी नाराजगी जताते हुए जांच के निर्देश दिए हैैं। साथ ही मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये और घायलों को 50-50 हजार की आर्थिक मदद का एलान किया है।

जानकारी के मुताबिक, एटीएस ने बदायूं में पटाखा गोदाम विस्फोट की जांच शुरू कर दी है। सिविल लाइंस थाना क्षेत्र के रसूलपुर में कल पटाखा गोदाम में हुए विस्फोट से आठ लोगों की मौत हुई है। इसकी जांच के लिए एटीएस की टीम रात में ही यहां पहुंची थी। शनिवार सुबह टीम ने घटना स्थल पर पहुंचकर विस्फोट की वजह तलाशी। जांच टीम को घटनास्थल पर कारतूस भी मिले थे, इसलिए बारीकी से जांच पड़ताल की जा रही है। एटीएस के इंस्पेक्टर मंजीत सिंह की टीम ने मौके पर पहुंचकर छानबीन शुरू की।

गौरतलब है कि बदायूं गांव रसूलपुर स्थित पटाखा कारखाने में जबरदस्त धमाका हो गया था। विस्फोट में कारीगर (आतिशबाज) समेत आठ लोगों के चिथड़े उड़ गए, जबकि छह लोग गंभीर रूप से झुल गए। मृतकों में कारीगर के अलावा पास की दुकान में बैठे लोग और राहगीर भी शामिल हैं। घटनास्थल पर 12 बोर के कारतूस के खोखे भी पुलिस को मिले हैं। इससे आशंका जताई जा रही है कि यहां पटाखा बनाने के अलावा कुछ और अनैतिक गतिविधियां संचालित हो रही थीं। आतिशबाज के पास काफी हलकी क्षमता के पटाखे बनाने का लाइसेंस था। इनकी क्षमता करीब 10 से 25 किलो तक की थी। बावजूद इसके कारखाने में गुपचुप तरीके से तेज धमाके वाले पटाखे भारी मात्रा में तैयार किए जा रहे थे।

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