धनअर्जन व बची हुई व्यावसायिक संपत्तियों के निस्तारण के लिए लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा नीलामी की योजना फ्लॉप साबित हो रही है। करीब एक माह पूर्व अखबारों में विज्ञापन निकालकर लोगों को आमंत्रित करने के वीसी के प्रयास के बाद भी 25 दिनों में करीब 450 संपत्तियों  के मुकाबले लगभग 18 आवेदन फार्म ही बिके हैं जबकि इसके लिए पम्पलेट बंटवाने से लेकर होर्डिंग आदि लगाकर भी प्रचार किया गया। यानी, इसके लिए लाखों रुपए भी खर्च किये गए।

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प्रचार प्रसार में ही खर्च हुए लाखों रुपए

  • राजधानी के विभिन्न स्थानों पर लखनऊ विकास प्राधिकरण द्वारा व्यावसायिक भूखंड छोड़े गए।
  • साथ ही, आवासीय योजनाओं में कॉम्प्लेक्स आदि निर्मित किये गए।
  • निर्मित होने के बाद इनकी बिक्री की गई लेकिन कई कॉम्प्लेक्स में महज गिनी-चुनी दुकानें ही बिकीं।
  • जबकि अधिकतर के लिए खरीददार ही नहीं आए। लिहाजा दुकानें खाली पड़ी रहीं।
  • ऐसा ही व्यावसायिक भूखंडों के मामले में भी हुआ।
  • एलडीए के इन दुकानों व भूखंडों की बिक्री न होनेे के पीछे प्लानिंग की तरफ से खामी रही।
  • कारण, उन्होंने उन स्थानों पर कॉम्प्लेक्स आदि बनाये जो कालोनी के अंदर या फिर मुख्य मार्गों से हटकर थे।

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  • वहीं, दुकानों का निर्माण भी ऐसे किया गया कि बड़ी संख्या में दुकानें अंदर की ओर हो गईं।
  • इसलिए लोगों ने इसे खरीदने में रुचि नहीं दिखायी।
  • वीसी ने नियुक्ति के बाद ऐसी दुकानों को चिन्हित कर उसकी सूची बना इसके नीलामी की योजना बनायी।
  • इस दौरान उन्होंने खुद कहा कि व्यावसायिक संपत्तियों की नीलामी उनके लिए परीक्षा की तरह हैं ।
  • जिसमें वह पास होंगे या फेल, यह देखना होगा।
  • अब संबंधित अधिकारी नीलामी के दिन तक फार्म बेचने की बात कह रहे हैं ।
  • लेकिन, सवाल यह है कि 25  दिनों में महज गिनती के फार्म बिके तो पांच दिन में कितने बिक जाएंगे।
  • लिहाजा, 7 आवेदनों की बिक्री के बाद पांच दिन में कितने लोग आ जाएंगे?

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प्रकाशित किया गया विज्ञापन

  • इसके चलते करीब एक माह पूर्व अखबारों में विज्ञापन प्रकाशित किया गया ।
  • जिसे सभी संपत्तियों का लिखा गया। बाद में होर्डिंग आदि लगाकर प्रचार किया गया।
  • पम्पलेट छपवाये गए जिन्हें वितरित कराया गया।
  • एलडीए में कुछ समय के लिए डेस्क भी लगायी गई जहां से इससे जुड़ी जानकारी मिल सके।
  • इन सब में एलडीए ने लाखों रुपए खर्च कर दिए लेकिन अब करीब 25 दिन बीत चुके हैं।
  • व्यावसायिक संपत्तियों से संबंधित कार्य भार देख रहे स्टाफ ने बताया कि अब तक महज 18 फार्म ही बिके हैं।
  • हालांकि प्रत्येक दिन एक दो फार्म की बिक्री जारी है।
  • बताया गया कि नीलामी के लिए निकाली गई कुल संपत्तियां लगभग 450 हैं।
  • वहीं, करीब इतनी ही संपत्तियां अभी और नहीं बिक पायी हैं।

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