लेदर पहनना सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है। लेदर पहनने से शरीर प्रदूषित होता है, साथ ही वातावरण भी काफी प्रदूषित होता है। लेदर के प्रयोग से कई बेजुबान पशुओं की बलि चढ़ा दी जाती है। अगर हम सभी लेदर का प्रयोग बंद कर दें तो कई जानवरों की जान को बचाया जा सकता है। इतना ही नहीं हमारे वातावरण में फैली हवा और नदियों को भी प्रदूषणमुक्त किया जा सकता है। जागरूकता अभियान के दौरान ये कहना था PETA की प्रवक्ता राधिका सूर्यवंशी का।

मुंबई से लखनऊ आकर किया जागरूक

  • राधिका सूर्यवंशी ने बताया कि PETA जानवरों के लिए काम करने वाली संस्था है, जो पूरे देश में काम कर रही है।
  • उन्होंने बताया कि पिछले दिनों उन्होंने कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण की ख़बरें पढ़ीं।
  • इन शहरों में लखनऊ का भी नाम था।
  • प्रदूषण वाले शहरों में चलाये जा रहे अभियान के तहत गुरुवार को वह लखनऊ पहुंची।
  • यहां उन्होंने हजरतगंज के गांधी प्रतिमा पर PFA और जीवाश्रय के साथ मिलकर अभियान चलाया।
  • यहां उन्होंने लोगों को लेदर ना प्रयोग करने की अपील की।

राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस को लेकर जागरूकता

  • राधिका ने बताया कि ये अभियान मुख्यरूप से आगामी 2 दिसंबर 2017 को राष्ट्रीय प्रदूषण निवारण दिवस के उपलक्ष में चलाया जा रहा है।
  • उन्होंने लेदर के जैकेट ना प्रयोग करके बायो हजार्ड सूट पहनने के लिए लोगों से अपील की।
  • जागरूकता अभियान के दौरान लोगों को बताया गया कि जैकेट बनाने के लिए पशुओं को बलि चढ़ाया जा रहा है।
  • इसके बाद पशुओं की खाल से जैकेट का निर्माण व अन्य लेदर की सामग्री बनाई जा रही है।
  • पशुओं को मारने के बाद उन्होंने खुले में छोड़ दिया जाता है।
  • इससे वायु प्रदूषण होने के साथ नदियां और जलवायु तक प्रदूषित हो रहा है।
  • इसके चलते हमारे जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ रहा है, साथ ही मनुष्यों को कई प्रकार की बीमारियां भी हो रही हैं।
  • इसलिए लेदर के प्रयोग को बंद कर पशुओं और खुद को प्रदूषण से बचाएं।
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