उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार 31 मई को अयोध्या (ayodhya) के दौरे पर हैं, जिसके तहत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या पहुँच चुके हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या दौरे के चलते अयोध्यावासियों में उत्साह के साथ ही उम्मीद की किरण भी नजर आ रही होगी।

अयोध्या (ayodhya) में विकास के नाम पर सिर्फ राजनीति:

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को अयोध्या (ayodhya) के दौरे पर हैं। सीएम योगी के दौरे के से अयोध्यावासियों को नई उम्मीद जरुर बंधी है। वहीँ अयोध्या की बात करें तो आजादी के बाद से अब तक अयोध्या को विकास के नाम पर सिर्फ सांप्रदायिक राजनीति दी गयी है। अयोध्या सुनते ही आज भी हमारे दिमाग में बाबरी विध्वंस, राम मंदिर जैसे मुद्दे घूम जाते हैं। हालाँकि, बीते कुछ सालों में राज्य सरकार और केंद्र सरकार ने अयोध्या के विकास पर ध्यान देने की शुरुआत की है।

बदलेगी अयोध्या की तस्वीर:

बीते 15 सालों में अयोध्या (ayodhya) सिर्फ नेताओं की बातों में आगे और विकास में काफी पीछे रहा है। लेकिन बीते कुछ समय में राज्य और केंद्र सरकार का ध्यान अयोध्या के विकास की ओर गया है। अयोध्या में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए हवाई अड्डा, होटल और रेलवे स्टेशन बनाने की तैयारी की जा रही है, जिसके लिए रूपरेखा तैयार कर ली गयी है।

अयोध्या को नगर निगम बनाकर की गयी शुरुआत:

साल 1992 में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा गिराए जाने के बाद से विकास से अछूती बनी रही अयोध्या में विकास की सरयू बहाने की योजना उत्तर प्रदेश सरकार ने कर ली है। जिसकी शुरुआत प्रदेश सरकार ने फैजाबाद और अयोध्या (ayodhya) को नगर निगम बनाकर कर दी है। गौरतलब है कि, फैजाबाद और अयोध्या को जोड़कर संयुक्त नगर निगम बनाया गया है।

देश के अन्य धार्मिक स्थलों की तर्ज पर विकसित होगी अयोध्या:

पिछले कई सालों से रामलला-बाबरी विवाद में पिस रही अयोध्या को विकसित करने का जिम्मा केंद्र सरकार ने उठाया है। जिसके तहत अयोध्या को देश के अन्य धार्मिक स्थलों की तर्ज पर विकसित किया जायेगा। इस योजना में केंद्र सरकार ने अयोध्या के साथ 10 अन्य शहरों को भी शामिल किया है। जिनमें केंद्र सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही आधुनिक सुविधाएँ भी मुहैया कराएगी।

केंद्र सरकार द्वारा अयोध्या को शामिल किये जाने के बाद क्षेत्र में हवाई अड्डा, एक आलीशान होटल और अयोध्या रेलवे स्टेशन को विकसित करने किया जायेगा। साथ ही केंद्र सरकार ने अयोध्या में बनने वाले स्टेशन को वर्ल्ड क्लास बनाने की योजना बनायी है।

गौरतलब है कि, उत्तर प्रदेश सरकार ने फैजाबाद-अयोध्या को मिलाकर नगर निगम का दर्ज दे दिया था, जबकि इन दोनों ही शहरों की आबादी ढाई लाख रुपये है। जिसके चलते राज्य की आबादी के लिहाज से फैजाबाद-अयोध्या नगर निगम सूबे का सबसे छोटा नगर-निगम है।

अयोध्या मांगे विकास:

पिछले 25 सालों से साम्प्रदायिकता और राजनीति का दंश झेल रही अयोध्या और अयोध्या के निवासियों को सिर्फ विकास की दरकार है। 50 हजार की आबादी वाले अयोध्या के लोग यह मानते हैं कि, क्षेत्र की हालत दयनीय है। अयोध्या में पुराने जमाने के मंदिर ढह रहे हैं, जिन्हें मरम्मत की जरुरत है लेकिन शासन पिछले 25 सालों से अयोध्या को लेकर उदासीन ही रहा है। वहीँ अयोध्या के लोगों का कहना है कि, उन्हें विकास चाहिए लेकिन शांति के साथ।

अयोध्या के लोगों का मानना है कि, राम मंदिर का निर्माण हो लेकिन उसके लिए दंगा-फसाद नहीं होना चाहिए। अमन चैन के साथ अयोध्या का विकास हो। वहीँ अयोध्या के 20 हजार मुस्लिम आबादी का भी यही मानना है कि, अयोध्या में विकास होना चाहिए न कि दंगा-फसाद।

क्या हैं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या दौरे के मायने:

बुधवार 31 मई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे पर हैं, गौरतलब है कि, करीब 15 साल बाद कोई मुख्यमंत्री अयोध्या जिले के दौरे पर गया है। ज्ञात हो कि, आखिरी बार अयोध्या के दौरे पर साल 2002 में राजनाथ सिंह बतौर मुख्यमंत्री पहुंचे थे।

वहीँ यूपी के सियासी गलियारे में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के अयोध्या दौरे के कई मायने निकाले जा रहे हैं। जिसके तहत ऐसा कहा जा रहा है कि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ सकते हैं। ज्ञात हो कि, मुख्यमंत्री योगी वर्तमान समय में सांसद हैं, लेकिन सीएम योगी प्रदेश विधानमंडल के किसी भी सदन के सदस्य नहीं है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को 25 सितम्बर तक विधायक या MLC बनना है।

वहीँ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दौरे का दूसरा मायना ये निकाला जा रहा है कि, राम मंदिर निर्माण को लेकर हिन्दू संगठनों की सुगबुगाहट का खाका जमीन पर तैयार कर सकते है।

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