अयोध्या : शरीफ चाचा को अभी भी पद्मश्री अवार्ड का इंतज़ार-सुने मुँह जुबानी…..

 

अयोध्या में लावारिश लाशों के मसीहा माने जाने वाले पद्मश्री मोहम्मद शरीफ चचा की तबियत विगत 5 माह से खराब चल रही है ।

आर्थिक तंगी की वजह से सही इलाज नही हो पा रहा है।जिसकी वजह से 5 दिन पहले पद्मश्री मोहम्मद शरीफ की तबियत और ज्यादा खराब हो गई।

पद्मश्री मोहम्मद शरीफ करीब 85 वर्ष के है.वह विगत 30 वर्षों से लावारिश लाशों के अंतिम संस्कार का काम करते है ।

इनको लावारिश लाशों के मसीहा माना जाता है।

आपको बता दें कि मोहम्मद शरीफ के बड़े बेटे मोहम्मद रईस की मौत एक हादसे में 28 वर्ष पहले हुई थी।

उनका अंतिम संस्कार पुलिस ने लावारिश जान कर किया था।

तब से मोहम्मद शरीफ तब से यह ठान लिया था कि हर लावारिस लाशों का वारिस बन उसका अंतिम संस्कार उसके धर्म के अनुसार करते चले आ रहे है।

इनके इस सामाजिक जीवन को देखते हुए केंद्र की मोदी सरकार ने वर्ष 2019 में पद्मश्री एवार्ड देने की घोषणा की थी.।

लेकिन वर्ष 2020 में कोरोना काल की वजह से इनको पद्मश्री का एवार्ड नही मिल सका।

मोहम्मद शरीफ पेशे से साइकिल मिस्त्री है। इनकी आर्थिक हालात ठीक नही है।

आज इनकी तबियत खराब है इनके तीन में से दो बेटे मोहम्मद सगीर और मोहम्मद अशरफ इनका इलाज विगत 5 माह से करवा रहे है।

दोनो बेटे में से मोहम्मद अशरफ बाइक मिस्त्री है और दूसरा बेटा मोहम्मद सगीर प्राइवेट ड्राइवर है।

दोनो की आमदनी भी केवल दाल रोटी चलाने भर की ही है ।

बेटा मोहम्मद अशरफ का कहना है कि विगत 5 माह से अब्बू की तबियत ठीक नही है किसी तरह इलाज करवाया जा रहा है।

अभी तक इनको पद्मश्री एवार्ड भी नही दिया गया है. रहने के लिए इनका खुद का घर नही है।

एक छोटा से किराया का घर है जिसमे परिवार के 20 सदस्य रहते है।

सरकार आर्थिक मदद के साथ घर उपलब्ध करवा दें।

वही पद्मश्री मोहम्मद शरीफ का कहना है कि विगत 5 दिन से ज्यादा तबियत खराब है।

ठंड की वजह से सीने में दर्द है.अभी तक मुझे पद्मश्री का अवार्ड भी नही मिला है।

उक्त प्रकरण की जानकारी डीएम अनुज झा को हुई तो उन्होंने एडीएम सिटी और जिला अस्पताल की एक टीम उनके घर भेजी गई ।

जिला अस्पताल के डॉक्टर वीरेंद्र वर्मा का कहना है कि पद्मश्री मो शरीफ के पेट मे सूजन है।

उनका बेहतर इलाज किया जा रहा है.हालत स्थिर है।

वहीं एडीएम सिटी का कहना है कि तबियत पहले से बेहतर है उम्र की भी समस्या है।

बेहतर स्वास्थ्य के लिए जो प्रशासन से मदत होगी वह किया जा रहा है।

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