संदिग्ध परिस्थितियों में मंदिर के द्वार पर लटकते मिले बाबा प्रेमदास की हत्या का मामला

  • रायबरेली – 2 जनवरी को ऊँचाहार कोतवाली क्षेत्र के हुई बाबा की हत्या का मामले में 4 महिलाओं सहित 6 गिरफ्तार |
  • असली गुनहगार अब भी पुलिस की पहुंच से दूर, मुख्य आरोपी अभी भी फरार।
  • सम्पत्ति का लालच एक भू माफिया पर इस तरह हावी हुआ कि एक लंबी लड़ाई के बाद आखिरकार एक संत को उसकी कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी |
  •  बीती 2 जनवरी को संदिग्ध परिस्थितियों में मंदिर के द्वार पर लटकते मिले बाबा प्रेमदास की हत्या के मामले में पुलिस ने 4 महिलाओ सहित 6 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
बेशकीमती 11 बीघे जमीन बनी मौत का कारण
  • ऊँचाहार कोतवाली क्षेत्र स्थित पूरे बाबा मजरे इटौरा बुजुर्ग गांव में राम जानकी ट्रस्ट के नाम पर करोड़ो रूपये की बेशकीमती जमीन स्थित है |
  •  जिसको लेकर वहीं गांव में स्थित पंचशील महाविद्यालय नामक महाविद्यालय के प्रबंधक बीएन मौर्य से विवाद चल रहा था |
  •  पूर्व के मंदिर के एक और संत की भी संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गयी थी |
  •  बाद में बाबा प्रेमदास ने भी अपनी हत्या की आशंका जताई थी मगर महज कागजी कार्यवाही में उलझकर रह गयी फाइलों के निर्णय के अनुपालन के पहले ही बाबा प्रेमदास का शव मंदिर के द्वार पर बीती 2 जनवरी की रात को लटकता पाया गया।
बिसरा परीक्षण के बाद होगी मौत के कारण की पुष्टि : एसपी
  • पुलिस अधीक्षक कार्यालय में जानकारी देते हुए एसपी सुनील सिंह ने बताया 2 जनवरी को बाबा का शव मिलने के बाद ट्रस्ट के उत्तराधिकारी मौनी महाराज को तहरीर के आधार पर मामला पंजीकृत कर जांच शुरू की गई थी |
  • जिसमें आरोपी बीएन मौर्य की पत्नी सहित 4 महिलाओं व 2 अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है जबकि अन्य आरोपियों की तलाश जारी है |
  •  एसपी के मुताबिक अभी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मौत का कारण स्पष्ट न होने के कारण बिसरा परीक्षण किया जाएगा और शीघ्र ही अन्य आरोपियों को गिरफ्तार किया जाएगा।
तो क्या अभी भी मुख्य आरोपी हैं पुलिस से दूर
  • बाबा की मौत के बाद क्षेत्रीय ग्रामीणों सहित ऐबक कहना था कि बीएन मौर्य ने घटना को अंजाम दिया है मगर पुलिस अब तक बीएन मौर्य तक पहुंच पाई है |
  • जबकि बाबा ने भी कुछ दिन पूर्व आशंका जताते हुए ऊँचाहार तहसील के रजिस्ट्रार श्याम मोहन पाल पर भी आरोप लगाते हुए कहा थी कि ट्रस्ट की जमीन के बदले समझौता करने का दबाब डाल रहे हैं |
  • जबकि प्रबंधक बीएन मौर्य बाबा के ऊपर कई फर्जी मामले दर्ज करवाकर उनकी पैरवी कर रहे थे जिसकी वजह से बाबा को जेल जाने की नौबत आ गयी थी |
  • फिलहाल रजिस्ट्रार श्याम मोहन पमल पर कोई कार्यवाही न होना और बीएन मौर्य की गिरफ्तारी न होना इस बात को तरफ इशारा करती है कि फिलहाल अभी बाबा की मौत की असल वजह व असली गुनाहगार पहुंच से बाहर हैं।

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