लखनऊ के नवाब वाजिद अली शाह के प्राणि उद्यान की शान प्रिंस बब्बर की मृत्यु हो गई. लखनऊ के वयोवृद्ध बब्बर शेर प्रिंस की मृत्यु हो गई. उम्र के साथ- साथ काफी दिनों से था बिमार प्रिंस, खाना खाने में भी हो रही थी परेशानी, चलने फिरने में भी हो रही थी परेशानी अभी पिछले साल पत्नी सुभांगी की भी मृत्यु हो चुकी है.

पिछले काफी दिनों से खाना खाने में प्रिंस को हो रही थी परेशानी

पिछले काफी दिनो से प्रिन्स हल्का गोश्त ही खा रहा था और वो टहलता भी बहुत कम था. इस वयोवृद्ध नर की आयु लगभग 21 वर्ष थी. भोजन, प्रिंस शेरों की औसत  अधिकतम आयु को भी पार कर चुका था. यह बब्बर शेर दिनांक 01.04.2003 को चंड़ीगढ़ के चिड़ियाघर से अपनी जीवन संगिनी सुभांगी के साथ लखनऊ लाया गया था. चिड़ियाघर लाने से पहले प्रिंस की उम्र 07 वर्ष थी. इसी वर्ष जुलाई में वृद्धावस्था के कारण साथी सुभांगी की भी मृत्यु हो गई थी. प्रिंस की मृत्यु का कारण कार्डियो रिस्पेक्टरी फेलियर पाया गया.

2017 में कुछ नये मेहमान भी आए

जनवरी 2017 से दिसम्बर 2017 तक चिड़ियाघर में लगभग 41 पशु- पंछियों का जन्म हुआ जिसमें मुख्य रुप से सारस के्न. व्हाइट पीकॉक, गोल्डेन फीजेन्ट, यलो पैराकीट, नीले- पीले मकाउ, सांभर, ब्लैक बक , बार्किग डियर , बारासिंघा है, साथ ही अन्य वन्य क्षेत्रो तथा प्राणि उद्यानों से अनेकों वन्य जीवों का आगमन भी हुआ जिसमें मुख्य रुप से पेंथर, जाइन्ट स्क्वैरल, कैरकल, सर्वल कैट , टाइगर , हार्न बिल , हॉग डियर , कामन लंगूर , जैकाल , रीछ , घड़ियाल , ब्लैक बर , सिल्वर फीजेन्ट , फिशिंग कैट, वल्चर , वाइपर , कोबरा प्रमुख है.

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कुछ वन्य जीव बाहर भेजे गये

इसी वर्ष जनमानस में  प्रसिद्ध व्हाइट टाइगर आर्यन , सोनभद्र से रेस्कयू किया हुआ पेंथर सोनभद्रा, स्लॉथ बियर राजकुमारी , बब्बर शेरनी सुभांगी , बब्बर शेर प्रिंस तथा एक मगरमच्छ की म़त्यु हुई है. लखनऊ से वन्य जीव विनिमय के अन्तर्गत अनेकों वन्य जीवों को प्राणि उद्यान से बाहर भी भेजा गया. जिसमें मुख्य रुप से लॉयन सफारी इटावा के लिए स्लॉथ बियर, ब्लैक बक , रांची प्राणि उद्यान हेतु पैंथर , उड़ीसा प्राणि उद्यान हेतु बारासिंघा , पेन्टेड स्टार्क , घड़ियाल , हिमाचल प्रदेश कुफरी हेतु बारासिंघा , बॉग डियर  तथा चीतल मुख्य वन्य जीव भेजे गये.

तितली पार्क की स्थापना की गयी है

इसी साल प्राणि उद्यान में प्रदेश के पहले तितली पार्क की स्थापना की गयी है जो कि आम जनमानस के लिए शीघ्र ही खोला जायेगा. इस साल मुख्यमंत्री द्वारा नवनिर्मित प्रकृति शिक्षण केन्द्र का भी लोकार्पण किया गया. प्राणि उद्यान में 2 डी व 3डी सारस आडिटोरियम का भी निर्माण किया गया.

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