Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

बिंदी के लिए फेमस है बलिया का यह क्षेत्र, लोगों के रोजगार का है साधन जानें कैसे होता है तैयार

बलिया: बिंदी को लगाना कौन नहीं जानता होगा. भारत में बिंदी (टिकुली) महिलाओं के माथे का ताज होती है. महिलाओं के लिए बिंदी श्रृंगार का एक हिस्सा है, जिसका इस्तेमाल महिलाएं अपनी ज्वेलरी, कपड़े के साथ मैच करके लगाती है. यानी कपड़ों की रंग की बिंदी लगाई जाती है. इसलिए महिलाओं के पास किसी एक रंग के नहीं बल्कि कई रंगों और डिजाईन के बिंदी देखने को मिलेंगे.

दुकानदार परवेज आलम ने बताया कि बिंदी का कारोबार हम लोगों का पुश्तैनी चला आ रहा है. पहले यहां शीशे को गला कर बिंदी बनती थी. उस पर सोने और चांदी का पानी भी चढ़ाया जाता था. पिछले कुछ सालों से शीशे की बिंदी का चलन खत्म हो गया है. जिसके बाद से बाजार में नए किस्म की बिंदी आने लगी है. कारणवश बिंदी उद्योग काफी प्रभावित हुआ है. लेकिन आज भी बलिया जिले के मनियर क्षेत्र के लिए यह बड़ा उद्योग है. इस उद्योग पर तमाम लोगों की जीविका आधारित है.

वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट में शामिल
मनियर बिंदी उद्योग को सरकार ने एक जिला एक उत्पाद के लिए चयनित भी किया है. बिंदी उद्योग इस क्षेत्र का बहुत ही प्राचीन और प्रसिद्ध कारोबार रहा है. बिंदी निर्माण में कुछ प्रक्रिया बाहर से ही अब हो करके आ रहे हैं. जिसके कारण इस क्षेत्र में काम करने वाले कुछ लोग प्रभावित भी हुए हैं. लेकीन अभी भी बिंदी उद्योग हजारों महिलाओ के जीविका का साधन बना हुआ हैं.

ऐसे तैयार होती हैं बिंदी
बिंदी को बनाने के लिए डेकोरेटिव कलर शीट को पंच कर उन पर ब्रश रोल के माध्यम से फेविकोल लगाया जाता है. फिर इसे सूखने के लिए गर्म चैंबर से पास कराया जाता हैं. इसके बाद पंचिंग मशीन का प्रयोग करके बिंदी को सही आकार के लिए मखमल के कपड़े पर पंच कर डेकोरेटिव पेपर पर अटेच कर दिया जाता है. अंत में छोटे फोल्डर में पैक कर दिया जाता है. इतनी प्रक्रिया के बाद बिंदी तैयार होती है.

 

Related posts

उत्तर प्रदेश भाजपा को मिला नया नेतृत्व, लम्बे इंतजार के बाद हुआ फैसला।

Rupesh Rawat
9 years ago

हरदोई-बालामऊ रेलवे स्टेशन का रेलवे परामर्श समिति के सदस्य गौरव अग्रवाल ने किया निरीक्षण- विस्तृत रिपोर्ट ।

Desk
4 years ago

ग़ाज़ीपुर-पहले दिन किसी प्रत्याशी ने नहीं किया नामांकन

kumar Rahul
7 years ago
Exit mobile version