यूपी में लगातार हो रहे डॉक्टरों के तबादलों का खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ रहा है। डॉक्टरों के तबादले से मरीजों की जान आफत में है। इसी कड़ी में बलरामपुर अस्पताल में भी कई डॉक्टरों के तबादले बिना सोचे समझे कर दिए गए हैं। ऐसे में मरीजों को यहां इलाज मिलना मुश्किल हो गया है।

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मरीजों की जान आफत में

  • बलरामपुर अस्पताल में अगस्त माह में एक के बाद एक आठ विशेषज्ञ डॉक्टरों के तबादले हो गए हैं।
  • इसकी वजह से मरीजों को खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
  • अस्पताल में एकमात्र लेप्रोस्कोपिक सर्जन और पूर्व निदेशक डॉ.ईयू सिद्दीकी के जाने के बाद मरीजों की सर्जरी ठप हो गयी है।
  • इसके अलावा स्त्री रोग विशेषज्ञ के विंग पर भी ताला लटक रहा है।
  • जिसकी वजह से अस्पताल में बच्चेदानी के ऑपरेशन बंद हो गये हैं।
  • अस्पताल में पहले जहां कुल 12 पद खाली थे वहीं अब 13 पद खाली हो चुके हैं।

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कॉर्डियोलॉजिस्ट के पांच पद रिक्त

  • शासन की ओर से एक के बाद एक तबादले का सिलसिला शुरू हुआ।
  • जिसमें कई अस्पतालों में बड़े फेरबदल हो गए।
  • इसमें सबसे ज्यादा नुकसान बलरामपुर जिला अस्पताल को हुआ है।
  • जहाँ पर आठ डॉक्टरों का तबादला कर दिया गया है लेकिन मिले केवल तीन ही डॉक्टर हैं।
  • इसमें एक पैथोलॉजिस्ट और एक आर्थोपेडिक डॉक्टर शामिल हैं।
  • बलरामपुर अस्पताल के पूर्व निदेशक डॉ. ईयू सिद्दीकी समेत आई सर्जन डॉ अतुल कुमार मिश्रा सहित इसमें कई डॉक्टर शामिल हैं।
  • आपको बता दें कि अस्पताल में पहले से ही कॉर्डियोलॉजिस्ट के पांच पद रिक्त हैं।
  • इसके अलावा गेस्ट्रोमेडिसिन में दो पद और बाल रोग विशेषज्ञ का एक पद , कॉर्डियोवेस्कुलर में एक पद, न्यूरो में एक पद, यूरो में दो पद खाली हैं।
  • वहीँ नेफ्रोलॉजी में तीन, ईएनटी में एक पद, मानसिक रोग में एक पद खाली हैं।
  • राजधानी में केजीएमयू के बाद बलरामपुर अस्पताल में ही जेई के मरीजों को भर्ती किया जाता है।
  • अभी तक यहां जेई के विषेशज्ञ डॉ. बृजेश कुमार दिमागी बुखार और जेई के बच्चों को भर्ती कर रहे थे।
  • वहीं तबादले की सूची में कोई और बाल रोग विशेषज्ञ भी अस्पताल को नहीं मिला है।

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