भारत सरकार की योजनांतर्गत प्रत्येक बैंक खाताधारक का रू. 12, 330, 500 और 1000 का बीमा किया गया है। लेकिंन बीमा प्रमाण-पत्र खाताधारकों को उपलब्ध न कराने के कारण अधिवक्ता विजय कुमार पाण्डेय ने वित्त-सचिव भारत सरकार और गवर्नर रिजर्व बैक को दिनांक 26 सितंबर, 2018 को पत्र लिखकर प्रमाण-पत्र जारी करने की मांग की थी। जिससे खाताधारकों के आकस्मिक निधन के पश्चात उनके उत्तराधिकारियों को क्लेम लेने में समस्या न हो। लेकिन रिजर्व बैंक ने खाताधारकों को प्रमाण-पत्र देने से यह कहते हुए इंकार कर दिया कि ग्राहकों को आईआरडीए से संपर्क करना चाहिए इसके लिए बैंक उत्तरदायी नहीं होगा।

विजय कुमार पाण्डेय ने कहा कि जब बीमा प्रीमियम बैंक ले रहा है तो खाताधारकों को प्रमाण-पत्र देने का उत्तरदायित्व उसी का है क्योंकि खाते से पैसा बैंक ही काटता है। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक के रवैए से स्पष्ट है कि आने वाले समय में लोग अपना क्लेम बैंक से ले नहीं पाएंगे क्योकि उस समय तो इतना परेशान किया जायेगा कि लोग अपनी गाढ़ी कमाई कमाई बैंकों के पास छोड़ने को मजबूर हो जाएंगे। इसलिए अब जनहित माननीय उच्च-न्यायलय के समक्ष जनहित याचिका दायर करके अदालत से याचना करेंगे कि भारत सरकार एवं संवंधित एजेंसियों को आदेशित करे की बैंक सभी खाताधारकों को बीमा प्रमाण-पत्र जारी करें।

Bank Not Responsible for Insurance, Certificates of Account Holders RBI

[penci_related_posts taxonomies=”undefined” title=”हिंदी की खबरें” background=”” border=”” thumbright=”yes” number=”4″ style=”grid” align=”none” displayby=”post_tag” orderby=”random”]

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें