Uttar Pradesh News, UP News ,Hindi News Portal ,यूपी की ताजा खबरें
Uttar Pradesh

मेडिकल कॉलेज के छात्रों ने मनाई बसंत पंचमी

वंसत पंचमी का त्योहार आज पूरे देश में बड़े धूम धाम से मनाया जा रहा है। वहीं, बीते साल यह त्योहार एक फरवरी मनाया गया था। लोगों की माने है कि इस दिन माता सरस्वती का जन्म हुआ था।

प्रदेश की राजधानी लखनऊ में आज यह त्योहार बहुत हर्षोल्लास के साथ बनाया जा रहा है। राजधानी स्थित किंग जॉर्ज मेडिकल कॉलेज हर साल जय तू माँ शारदे की पूजा अर्चना कर फूलों से रंगीन रंगोली बनाकर मेडिकोज के स्टूडेंट्स ने वंसत पंचमी मनाया।

[foogallery id=”174608″]

ऐसे करें मां सरस्वती की पूजा

बसंत पंचमी के दिन सुबह स्नान करके पीले या सफेद वस्त्र धारण करें। मां सरस्वती की मूर्ति या चित्र उत्तर-पूर्व दिशा में स्थापित करें। मां सरस्वती को सफेद चंदन, पीले और सफेद फूल अर्पित करें। उनका ध्यान कर ऊं ऐं सरस्वत्यै नम: मंत्र का 108 बार जाप करें। मां सरस्वती की आरती करें दूध, दही, तुलसी, शहद मिलाकर पंचामृत का प्रसाद बनाकर मां को भोग लगाएं।

ये भी पढ़ें : बी चन्द्रकला समेत 3 आईएएस अफसर सम्मानित!

वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की पूजा करते वक्त पीले या फिर सफेद कपड़े पहनने चाहिए। काले और लाल कपड़े पहनकर मां सरस्वती की पूजा ना करें। मां सरस्वती को श्वेत चंदन और पीले फूल बेहद पंसद है इसलिए उनकी पूजा के वक्त इन्हीं का इस्तेमाल करें।

प्रकृति का उत्सव है बसंत

पौराणिक कथाओं के अनुसार, जब भगवान विष्णु की आज्ञा से प्रजापति ब्रह्माजी सृष्टि की रचना करके जब उस संसार में देखते हैं तो उन्हें चारों ओर सुनसान निर्जन ही दिखाई देता था। उदासी से सारा वातावरण मूक सा हो गया था। जैसे किसी की वाणी ना हो। यह देखकर ब्रह्माजी ने उदासी तथा मलिनता को दूर करने के लिए अपने कमंडल से जल लेकर छिड़का।

ये भी पढ़ें : इलाहाबाद में किसानों को प्रमाण-पत्र देंगे CM योगी

उन जलकणों के पड़ते ही पेड़ों से एक शक्ति उत्पन्न हुई जो दोनों हाथों से वीणा बजा रही थी और दो हाथों में पुस्तक और माला धारण की हुई जीवों को वाणी दान की। इसलिये उस देवी को सरस्वती कहा गया। यह देवी विद्या, बुद्धि को देने वाली है। इसलिये बसंत पंचमी के दिन हर घर में सरस्वती की पूजा भी की जाती है। दूसरे शब्दों में बसंत पंचमी का दूसरा नाम सरस्वती पूजा भी है।

ये भी पढ़ें : कानून-व्यवस्था में लगातार सुधार जारी है- CM योगी आदित्यनाथ

हिंदू मान्यता के अनुसार वसंत का उत्सव प्रकृति का उत्सव है। यौवन हमारे जीवन का बसंत है तो वसंत इस सृष्टि का यौवन है। भगवान श्री कृष्ण ने भी गीता में “ऋतूनां कुसुमाकरः” कहकर ऋतुराज बसंत को अपनी विभूति माना है। शास्त्रों एवं पुराणों कथाओं के अनुसार बसंत पंचमी और सरस्वती पूजा को लेकर एक बहुत ही रोचक कथा है। इस समय पूरा देश बसंत पंचमी के उत्सव को मानाने में जुटा हुआ है।

Related posts

मोदी अमित शाह की नींद उड़ाने वाली प्रेस कॉन्फ्रेंस है ये : मायावती

UP ORG DESK
6 years ago

ग्लोबल कंसलटेंट एजेंसी और अयोध्या विकास प्राधिकरण ने एक बड़ी रोजगार व तरक्की से जुड़ी आर्थिक योजना को भी विजन डॉक्यूमेंट में शामिल किया

Desk
3 years ago

प्रदूषण फैलाने पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड सख्त.

kumar Rahul
7 years ago
Exit mobile version