बस्ती जिले में शराब की दुकानों के नए आवंटन के लिए बृहस्पतिवार को अटल प्रेक्षागृह में प्रशासन द्वारा ई-लॉटरी प्रक्रिया [ Basti Liquor Lottery ] आयोजित की गई। इस दौरान बड़ी संख्या में आवेदक उपस्थित रहे।
जिनका नाम लॉटरी में आया, उनके चेहरे पर खुशी साफ झलक रही थी, जबकि जिनकी किस्मत साथ नहीं दी, वे मायूस होकर लौट गए।
ई-लॉटरी प्रक्रिया: पारदर्शिता और निष्पक्षता Basti Liquor Lottery ]
लॉटरी की प्रक्रिया दोपहर 2 बजे से शुरू हुई। इस दौरान शासन से नियुक्त पर्यवेक्षक आईएएस नीना शर्मा और सहायक आयुक्त आबकारी गोंडा राजेश कुमार यादव की निगरानी में आवेदकों को पहले ई-लॉटरी का डेमो दिखाया गया।
इसमें ई-लॉटरी प्रणाली को पारदर्शी ढंग से समझाया गया, जिससे सभी आवेदकों को विश्वास हो कि चयन प्रक्रिया निष्पक्ष रूप से संचालित हो रही है।
आवेदकों की भागीदारी और चयन प्रक्रिया
इसके बाद, आवेदकों में से तीन लोगों को बुलाकर 0 से 9 तक की संख्याओं का चयन कराया गया, जिससे लॉटरी प्रक्रिया को निष्पक्ष बनाने का भरोसा दिया गया।
इस डेटा की फीडिंग के बाद अलग-अलग श्रेणियों की शराब दुकानों की लॉटरी एक साथ निकाली गई।
बस्ती में कुल 330 दुकानों का आवंटन Basti Liquor Lottery ]
बस्ती जिले के आबकारी अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि जिले में कुल 330 शराब की दुकानों का आवंटन किया गया। इनमें विभिन्न प्रकार की दुकानें शामिल हैं:
श्रेणी | दुकानों की संख्या |
---|---|
मॉडल शॉप | 4 |
कंपोजिट दुकानें (अंग्रेजी और बीयर) | 128 |
देशी शराब | 198 |
आईआईटी कानपुर के सॉफ्टवेयर से लॉटरी प्रक्रिया Basti Liquor Lottery ]
इस ई-लॉटरी प्रक्रिया को आईआईटी कानपुर द्वारा विकसित विशेष सॉफ़्टवेयर के माध्यम से निष्पादित किया गया। लॉटरी प्रक्रिया के दौरान प्रत्येक आवेदक की भागीदारी का सार्वजनिक साक्ष्य प्रस्तुत किया गया, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।
डीएम और अन्य अधिकारियों की मौजूदगी Basti Liquor Lottery ]
जैसे ही लॉटरी निकाली गई, एडीएम प्रतिपाल सिंह चौहान ने चयनित आवेदकों के नामों की घोषणा की। इसके बाद चयनित लाइसेंसियों की सूची अटल प्रेक्षागृह के बाहर चस्पा कर दी गई, ताकि सभी को इसकी जानकारी मिल सके।
इस दौरान डीएम रवीश गुप्ता समेत कई आला अधिकारी उपस्थित रहे और उन्होंने पूरी प्रक्रिया की निगरानी की।
ई-लॉटरी प्रक्रिया से क्या लाभ हुआ?
- पारदर्शी प्रणाली: लॉटरी की निष्पक्षता बनाए रखने के लिए डिजिटल सॉफ्टवेयर का उपयोग किया गया।
- किसी भी गड़बड़ी की गुंजाइश नहीं: प्रक्रिया पूरी तरह से रैंडम और निष्पक्ष रही।
- आवेदकों की सक्रिय भागीदारी: प्रक्रिया को समझाने के लिए डेमो सत्र आयोजित किया गया।
- आधिकारिक पर्यवेक्षण: प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में चयन प्रक्रिया पूरी की गई।
ई-लॉटरी प्रक्रिया के सफल आयोजन के साथ, बस्ती जिले में शराब की दुकानों के नए लाइसेंस आवंटित कर दिए गए हैं, जिससे व्यापारियों और प्रशासन दोनों को सुगमता मिली है।
अस्वीकरण:
इस पृष्ठ पर ई-लॉटरी से संबंधित दी गई जानकारी विभिन्न सार्वजनिक रूप से उपलब्ध स्रोतों, जिनमें https://exciseelotteryup.upsdc.gov.in/ शामिल है, से प्राप्त की गई है। उत्तर प्रदेश में “ई-लॉटरी पोर्टल “ ई-लॉटरी से संबंधित डेटा का आधिकारिक स्रोत है और यहां प्रस्तुत सामग्री उनके आधिकारिक रिकॉर्ड पर आधारित है। यह डेटा इस लेख के प्रकाशन की तारीख तक संकलित किया गया है।
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