सूली वाले बाग को शहीद स्थल घोषित कराने की है भाकियू की मांग

  • मुजफ्फरनगर में आज सूली वाले बाग पर भाकियू के पदाधिकारियों ने फांसी ओर गिरफ्तारी देने की की घोषणा |
  • सूली वाला बाग दुल्हन की तरह सजाया गया है |
  • फांसी के फंदे भी लगाए गए हैं |
  • हजारों लोगों के इकट्ठे होने का अनुमान |
  • मुजफ्फरनगर के पुरकाजी में है सूली वाला बाग |
  • सूली वाले बाग को शहीद स्थल घोषित कराने की है भाकियू की मांग |
  • प्रशासन से आरपार की लड़ाई की दे रखी हैं चेतावनी।
सूली वाले बाग़ के लिए सूली प्रदर्शन
  •  उत्तर प्रदेश के जनपद मुज़फ्फरनगर में क़स्बा पुरकाजी में सन 1857 में
  • अंग्रेजो द्वारा सैकड़ो क्रांतिकारियों को कस्बे एक बाग़ में सूली पर चढ़ाकर मौत के घाट उतार दिया था।
  • इसी ऐतिहासिक बाग़ को शहीद स्मारक घोषित कराने के लिए लगातार तीन वर्षो से प्रयासरत
  • भारतीय किसान यूनियन के सलाहकार पुरकाजी नगर पंचायत के अध्यक्ष द्वारा हज़ारो लोगो के साथ
  • नगर में तिरंगा यात्रा निकलकर
  • सूली वाले बाग़ में पहुँचकर वहाँ लगाए गए
  • चार फाँसी के फंदो पर चारो धर्म के लोगो हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई ने अपने गले में डालकर
  • जिला प्रशासन के अधिकारियो से कहाँ कि या तो इस स्थान को शहीद स्मारक घोषित करो या
फिर फंदो की रस्सी खींचकर हमें फाँसी दे दो
  •  जनपद मुज़फ्फरनगर में नॅशनल हाइवे 58 पर स्थित है
  • क़स्बा पुरकाजी जो जिला मुख्यालय से 25 किलोमीटर दूर उत्तराखंड की सीमा पर है।
  • भारत को आज़ाद कराने की शुरू हुई आज़ादी की लड़ाई में यहाँ के क्रांतिकारियों को जिनकी संख्यां सैकड़ो थी
  • इन्हे 1857 में अंग्रेजी शासको ने गिरफ्तार कर यहाँ इस ऐतिहासिक बाग़
  • में सूली पर चढ़ाकर (फाँसी पर लटकाकर) मौत की सजा दी थी
  • यहाँ के इतिहास में 465 क्रांतिकारियों के नाम भी दर्ज़ है।
  • लेकिन आज तक इन शहीदों और इस शहीद स्थल का किसी भी सरकारी फाइलों में नाम दर्ज़ नहीं है।
  • इसीलिए यहाँ के नगर पंचायत अध्यक्ष और भाकियू के नेताओ ने तीन वर्षो से
  • इस स्थल को शहीद स्मारक घोषित करने और यहाँ पर अंग्रेजो द्वारा फाँसी पर लटकाए
क्रांतिकारियों को अमर शहीद का दर्ज़ा देने की माँग चल रही है
  • आज जब पूरा देश अपना 70 वां गणतंत्र दिवस मना रहा है
  • वही पुरकाजी की जनता अपने नगर पंचायत अध्यक्ष जाहिर फारूकी
  • और भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रिय प्रवक्ता चौधरी राकेश टिकैत के दिशा निर्देशन
  • में कस्बे के मुख्य मार्गो से विशाल भव्य तिरंगा यात्रा निकालकर
  • सूली वाले बाग़ पर पहुँचे इस यात्रा में भी सैकड़ो लोगो ने अपने गले में फाँसी के फंदे डालकर चल रहे थे।
  • हाइवे पर स्थित सूली वाले बाग़ में जो अब तालाब के किनारे है
  • यहाँ पर पहले से ही चार फाँसी के फंदे तैयार किए गए थे,
 हज़ारो लोगो की भीड़ जमा थी
  • यहाँ चारो धर्म के लोगो हिन्दू मुस्लिम शिख ईसाई ने अपने गले में डालकर
  • जिला प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि या तो इस स्थान को शहीद स्मारक घोषित करो
  • या यहाँ आकर इन फाँसी के फंदो की रस्सी खींचकर हम चारो धर्म के लोगो को फाँसी पर लटका दो।
  • जिला प्रशासन की ओर से एस डी एम सदर ने वहाँ पहुँचकर
  •  चारो लोगो के गले से फाँसी के फंदे निकल कर बताया कि हमने यह प्रस्ताव उत्तर प्रदेश शासन को भेज दिया है |

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