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स्वास्थ्य मंत्रालय और बीएचयू में MOU करार, अब मिलेंगी एम्स जैसी सुविधा

वाराणसी के बनारस हिन्दू यूनिवर्सिटी के इंस्टिट्यूट ऑफ़ मेडिकल साइंस (आईएमएस) में एम्स जैसी सुविधाएं मुहैया करने का मामला एक कदम और आगे बढ़ गया है. नई दिल्ली में नीति आयोग की हुई बैठक में बीएचयू और स्वास्थ्य मंत्रालय, एम्स और मानव संसाधन विकास मंत्रालय के बीच करार हो गया.

अगले महीने से होगा काम शुरू:

इसके बाद अगले महीने एम्स की टीम बीएचयू आएगी और यहां मांगों के अनुसार सुविधाओं सहित अन्य जरुरी बातों पर मूल्यांकन करेगी. एम्स की टीम की रिपोर्ट के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. एम्स की मांग लंबे समय से चल रही थी लेकिन प्रो. राकेश भटनागर के कार्यकाल में इसके लिए प्रयास तेजी से हुए है.

अब तक तीन बार नीति आयोग की बैठक हो चुकी है और हर बैठक में अलग-अलग बिंदुओं पर चर्चा, कागजातों की जांच और अन्य मुद्दों पर राय रखी जा चुकी है. मंगलवार को नीति आयोग की बैठक में आईएमएस निदेशक प्रो. वीके शुक्ल ने मंत्रालय के अधिकारियों से करार किया.

तो वही कुलपति प्रो. राकेश भटनागर का कहना है कि विश्वविद्यालय के लिए यह बड़ी उपलब्धि है. एम्स की सुविधा के लिए चल रहे प्रयास में बड़ी सफलता मिली है. एमओयू के बाद अब एम्स की टीम अगले महीने बीएचयू आकर आईएमएस और एम्स के बीच अंतर का अध्ययन कर रिपोर्ट देगी.

जिसके बाद बीएचयू डीपीआर बनाकर स्वास्थ्य मंत्रालय एमएचआरडी को भेजेगा. इस बैठक में कुलपति के अलावा सर सुंदर लाल अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. ओपी उपाध्याय के साथ ही नीति आयोग से डॉ. विनोद पाल, एमएचआरडी से आर सुब्रमण्यम, स्वास्थ्य मंत्रालय से प्रीति, यूजीसी चेयरमैन प्रो.डीपी सिंह आदि मौजूद रहे।

अब मिलेंगी एम्स जैसी सुविधा:

बीएचयू आईएमएस को एम्स जैसी सुविधा दिए जाने की मांग काफी लंबे समय से चल रही थी. लेकिन अब एक महीने के अन्दर तीन बार हुई बैठक की वजह से सुविधा का लाभ मिलने की उम्मीद जगी है. हालांकि अभी बीएचयू प्रशासन की आधिकारिता को लेकर इस मामले में बात नहीं बन पा रही थी.

लेकिन अब सब कुछ अगले महीने होने वाले एम्स टीम के दौरे पर निर्भर करता है. सूत्रों की माने तो बीएचयू में एम्स बनाए जाने की घोषणा के बाद इसे एम्स का दर्जा दिए जाने की मांग उठी थी लेकिन बाद में यहां एम्स जैसी सुविधा की मांग उठी.

आईएमएस बीएचयू को एम्स जैसी सुविधा देने के इस मामले में गोरखपुर विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति समेत कई विद्वानों ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. पूर्व कुलपति प्रो. बीएम शुक्ल के आवास पर हुई बैठक में इस पर चर्चा भी की गई है.

एम्स जैसी सुविधा पर बीएचयू को मिलेगा लाभ:

आईएमएस बीएचयू को अगर एम्स जैसी सुविधा मिली तो इससे कई लाभ होंगे. इससे अस्पताल में प्रति बेड मिलने वाला फंड बढ़ जाएगा. आपरेशन और दवाइयां भी मुफ्त मिल सकती है. अस्पताल में जांच की सुविधा भी बढ़ जाएगी. शिक्षक-कर्मचारियों का वेतन भी इस हालात में बढ़ेगा इसके साथ ही शैक्षणिक सुविधाएं भी बढ़ सकती है.

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