भाजपा सांसद और मंत्री हुए आमने सामने, खुले मंच पर लगाये एक दुसरे पर आरोप प्रत्यारोप

एससी आयोग के चेयरमैन एवं आगरा के सांसद रामशंकर कठेरिया और कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल पहले तो अप्रत्यक्ष रूप से एक-दूसरे पर निशाना साध रहे थे, लेकिन अब खुलकर आमने-सामने आ गए हैं।  चुनाव से पहले दोनों के बीच रार बढ़ती जा रही है। रविवार को दोनों ने एक-दूसरे के खिलाफ मंच से बयान दिए। हैरानी की बात यह है कि भाजपा हाईकमान दो वरिष्ठ नेताओं की इस रार पर चुप बैठा हुआ है। कैबिनेट मंत्री एसपी सिंह बघेल ने सांसद रामशंकर कठेरिया पर समाज को गुमराह करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि कठेरिया आरोप लगा रहे हैं कि उन्होंने (एसपी सिंह ने) समाज में अन्य किसी को आगे नहीं बढ़ने दिया जबकि यह सरासर गलत है।

 रामशंकर कठेरिया अनुसूचित समाज में अपना विकल्प नहीं पैदा होने देना चाहते: एसपी सिंह बघेल

बघेल ने कहा कि आगरा में सेठ किशन लाल बघेल विधायक रहे। प्रताप सिंह बघेल एमएलसी रहे। महाराज सिंह बघेल सांसद, मेयर का चुनाव लड़े। राकेश बघेल जिला पंचायत अध्यक्ष हैं। कई ब्लॉक प्रमुख हैं जो बघेल समाज से हैं। एसपी सिंह बघेल ने कहा कि राजनीतिक चेतना न होने के कारण पहले समाज को उचित प्रतिनिधित्व नहीं मिल रहा था। अब जागृति आई है तो विधानसभा से लेकर संसद तक समाज को प्रतिनिधित्व मिला है।  उन्होंने आरोप लगाया कि रामशंकर कठेरिया हैं जो अनुसूचित समाज में अपना विकल्प नहीं पैदा होने देना चाहते।

धनगर सर्टिफिकेट में अड़ंगा तो एससी आयोग ने ही लगाया था: एसपी सिंह

पहले उन्होंने पूर्व मंत्री डॉ. रामबाबू हरित को भाजपा छोड़ने पर मजबूर किया।  उसके बाद मेयर अंजुला माहौर और इंद्रजीत आर्य को पार्टी छोड़नी पड़ी। हालांकि अब उनकी घर वापसी हो गई है। धनगर सर्टिफिकेट का जिक्र करते हुए एसपी सिंह ने कहा कि इसमें अड़ंगा तो एससी आयोग ने ही लगाया था। उधर, एटा के जलेसर में आयोजित पाल, बघेल, गड़रिया और धनगर महासम्मेलन में एससी आयोग के अध्यक्ष प्रोफेस रामशंकर कठेरिया ने एसपी सिंह बघेल के आरोपों का एक-एक कर जवाब दिया। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव से पहले ही पाल, बघेल, गड़रिया, धनगर के भी एससी प्रमाणपत्र बन सकेंगे।

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