खूनी हिंसा के बाद अपने संसदीय क्षेत्र मथुरा पहुंचीं भाजपा सांसद हेमामालिनी को शनिवार को प्रशासन ने जवाहरबाग जाने से रोक दिया है। जानकारी के अनुसार, पार्टी आलाकमान की फटकार के बाद फिल्म की शूटिंग छोड़ मथुरा पहुंची सांसद हेमा मालिनी जवाहरबाग का निरीक्षण करने पहुंची थी। जहां पुलिस ने उन्हें अन्दर नहीं जाने दिया, जिसके बाद हेमा मालिनी को जवाहर बाग के गेट से ही वापस लौटना पड़ा।

इससे पहले हेमा मालिनी ने अस्‍पताल जाकर घायल पुलिसकर्मियों से मुलाकात की और उनके हालचाल जाने। इसके बाद, वे अतिक्रमणकारियों के साथ संघर्ष में मारे गए एसपी मुकुल द्विवेदी के घर गईं, और उनके परिवार वालों से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। इस दौरान उन्होेने सरकार से सीबीआई जांच कराने की मांग की।

उनका कहना है कि वो मुंबई अपने काम के सिलसिले में गई थीं लेकिन जैसे ही उन्हें इस घटना की जानकारी मिली वो वापस मथुरा चली आईं। उन्होंने इस घटना के लिए स्थानीय प्रशासन को सीधे तौर पर जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कानून व्यवस्था की जिम्मेदारी उनके अधिकार में नहीं।

पुलिस अधिकारियो का कहना है कि इलाके में अब भी सर्च ऑपरेशन जारी है इसलिए वहां सांसद का जाना उचित नहीं हैं, हेमा मालिनी को रोकने के पीछ पुलिस की कोई विशेष मंशा नहीं है। पुलिस और विशेषज्ञों की टीम पूरे क्षेत्र की छानबीन कर रही है कि कहीं कोई विस्फोटक न छिपा हो। ऐसे में वीआईपी या अन्य किसी व्यक्ति के साथ कोई दुर्घटना हो जाती है तो जवाब देना मुश्किलहो जाएगा।

हिंसा के बीच अपनी फिल्म की शूटिंग की तस्वीरें ट्विट करके आलोचनाओं से घिरी सांसद ने पार्टी को असहज स्थिति में डाल दिया था। वहीं आलाकमान के निर्देश के बाद सांसद रात में मथुरा पहुंची। हेमा मालिनी ने जिले में हुई हिंसा के लिए सीधे तौर पर सपा सरकार पर निशाना साधा है। भाजपा सांसद ने कहा कि घटना के लिए उन पर कोई दोष नहीं देना चाहिए क्योंकि वह स्थिति का पूर्वानुमान नहीं लगा सकतीं।

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