मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश के बाद काम में जुटे पड़े प्रशासनिक अधिकारियों के बीच में भाजपा सांसद और विधायक रोड़ा बन रहे हैं। ये हम नहीं बल्कि बाराबंकी जिले में घटी एक घटना में यह सब देखने को मिला। यहां अवैध कब्ज़ा हटाने गई जिला प्रशासन की टीम को सांसद ने लताड़ लगाते हुए खूब खरी-खोंटी सुनाई।

ग्रामीणों की भीड़ देख एसडीएम भागे

  • इसी क्रम में मंगलवार को बाराबंकी जिला के सफदरगंज थाना क्षेत्र के चैला गांव में जिला प्रशासन की टीम कब्ज़ा हटवाने के लिए गई थी।
  • आरोप है कि यहां बीजेपी के मंडल अध्यक्ष आलोक सिंह का तालाब व सरकारी स्कूल की ज़मीन पर कब्ज़ा है।
  • इस अवैध अतिक्रमण को हटाने गये नायब तहसीलदार व राजस्व विभाग की टीम से ग्रामीणों की नोकझोंक हो गई।
  • मौके पर एसडीएम अजय कुमार द्विवेदी को बुलाया लिया गया।
  • तब तक भाजपा नेता ने सांसद प्रतिनिधि राजेश वर्मा को मौके पर बुला लिया।
  • सांसद प्रतिनिधि की प्रशासनिक अधिकारियों से नोकझोंक होने लगी।
  • ग्रामीणों की भीड़ बढ़ते देख एसडीएम गांव से जाने लगे।

भड़की सांसद एसडीएम से की अभद्रता

  • इस दौरान सांसद प्रियंका सिंह रावत पहुंच गईं।
  • फिर क्या था सांसद आग बबूला हो गईं और एसडीएम से नोंकझोंक करने लगी।
  • बताया जा रहा है कि सांसद ने आईएएस अधिकारी को अभद्र भाषा का भी प्रयोग किया।
  • सांसद बोली कि तुम्हारे जैसे कई एसडीएम हमारे घर में हैं।
  • काम करना है तो ठीक से करो वार्ना कहीं ऐसी जगह फेंकवा दूंगी पता नहीं चलेगा।
  • आरोप है कि भाजपा सांसद प्रियंका रावत ने एसडीएम के लिए ग्रामीणों से से कहा कि खदेड़ दो जरा इसे, पकड़ो इसे मारो।
  • ऐसी भाषा सुनकर एक आईएएस अधिकारी काफी तनाव में है।
  • इतना ही नहीं बीजेपी सांसद ने एसडीएम को बाराबंकी में जीना मुश्किल करने तक की धमकी दे डाली।
  • हालांकि सांसद के गुर्गों को भारी पड़ता देख सफदरगंज थाने के पुलिसकर्मियों ने एसडीएम को सुरक्षा घेरे में लिया और वापस लौट गए।
  • कुछ स्थानीय निवासियों का कहना है कि एक तरफ जहां सीएम योगी भू-माफियाओं के खिलाफ अभियान चला रहे हैं।
  • वहीं दूसरी तरफ उनके ही नेता अवैध कब्ज़ा करके कुंडली मारकर बैठे हैं।
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