राजधानी लखनऊ के हजरतगंज स्थित अंबेडकर प्रतिमा पर राष्ट्रीय कल्याण मंच की ओर से शनिवार को धरना दिया गया। इस धरने में भारतीय जनता पार्टी से बहराइच की सांसद सावित्रीबाई फुले सहित तमाम कार्यकर्ता एवं पदाधिकारी मौजूद रहे। यह धरना महाराजा सुहेलदेव पासी को महाराजा सुहेलदेव राजभर के नाम से भाजपा द्वारा आयोजित रैली में डाक टिकट जारी किए जाने के विरोध में दिया गया। संगठन के पदाधिकारियों ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, राजयपाल और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन के अधिकारियों को सौंपा।

सांसद सावित्री बाई फुले ने कहा कि महाराजा सुहेलदेव पासी जो कि पासी वंश के गौरवशाली इतिहास के आधार स्तंभ है। महाराजा सुहेलदेव पासी एवं उनके कार्यकाल एवं उनके उपरांत कई शताब्दियों तक राजभर पासी जाति की उपजाति होती थी। देश की आजादी के उपरांत जातियों को विभक्त करने एवं उनमें आपस में फूट डालने के लिए कुछ उप जातियों को राजनीतिक लाभ के लिए अनुसूचित जाति से अन्य पिछड़ा वर्ग में समाहित कर दिया गया है। इसी का परिणाम है कि राजभर जो विशुद्ध रूप से पासी की अन्य उप जातियों में से एक है को पिछड़ा वर्ग में करके आज महाराजा सुहेलदेव राजभर के नाम से वर्तमान भाजपा सरकार द्वारा अपने निहित स्वार्थ एवं बैंक वोट बढ़ाने के लिए डाक टिकट जारी किया गया।

राष्ट्रीय कल्याण मंच के अध्यक्ष अनोद कुमार रावत ने कहा कि यह कार्य भाजपा द्वारा पासी जाति को नीचा दिखाने के लिए किया जा रहा है। जिससे पूरे भारतवर्ष का पासी समाज आक्रोशित है। यदि सरकार का विचार है कि राजभरों को खुश कर कोई राजनीतिक लाभ उठा लेंगे तो यह भाजपा की बहुत बड़ी भूल साबित होने जा रहा है। जैसा कि यह विदित है कि राजभरों की संख्या उत्तर प्रदेश में महेश 40 लाख के आसपास है। जबकि उत्तर प्रदेश में वासियों की संख्या लगभग चार करोड़ के ऊपर है तथा भारत सरकार की संस्था एनसीईआरटी की पुस्तक मध्यकालीन भारत कक्षा 11 की पाठ्यपुस्तक में पेज नंबर 28 पर स्पष्ट उल्लेख है कि महाराजा सुहेलदेव पासी है। इसलिए पदाधिकारियों ने मांग की है कि डाक टिकट महाराजा सुहेलदेव पासी के नाम से जारी किया जाए। प्रदर्शन के दौरान भारी संख्या में लोग मौजूद थे।

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