प्रदेश की राजधानी लखनऊ मे भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने नगर निगम मुख्यायल से विधान सभा तक शव यात्रा निकाल कर विरोध जताया। इस दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर हमला किया जा रहा है। इस दौरान कार्यकर्ताओं  ने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी की पुतला भी फूंका।

विरोध में फूंके पुतले

ज्ञात को कि बीते दिनों भारतीय जनता युवा मोर्चा की प्रतिरोध संकल्प यात्रा में शामिल कार्यकर्ताओं पर जगह-जगह हमले किए थे। बाद में स्थिति संघर्ष में तब्दील हो गई। इस दौरान जमकर तोड़फोड़ की गई थी। घटना को लेकर भाजपा एवं तृणमूल कांग्रेस ने एक-दूसरे पर आरोप लगाये थे। यात्रा के साथ महानगर के जोड़ाबागान थाना क्षेत्र स्थित बिनानी भवन में पहुंचे भाजपा कार्यकर्ताओं पर गुरुवार की रात हमला किया था। बताया गया है कि यह यात्रा हाई कोर्ट के आदेश के बाद निकली थी। इसके लिए कोर्ट ने पर्यवेक्षक भी नियुक्त किया था लेकिन हमलावरों ने उन्हें भी नहीं बख्शा। बीते शुक्रवार को दोपहर सेंट्रल एवेन्यू में भाजपा की बाइक रैली पर हमला किया गया। इसमें प्रदेश भाजयुमो अध्यक्ष देवजीत सरकार सहित 15 से अधिक कार्यकर्ता घायल हो गए थे

कार्यकर्ताओं ने  बंगाल में राष्ट्रपति शासन की  मांग की

भाजपा ने इस दिन गांधी मूर्ति तले हमले का मौन विरोध किया। इस दौरान भाजपा नेताओं व कार्यकर्ताओं ने मुंह पर काली पट्टी बांध कर विरोध जताया। प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष के नेतृत्व में धरना दिया गया। हमले को देखते हुए भाजपा ने अपनी संकल्प यात्रा को स्थगित कर दिया है। इसके साथ ही दिलीप घोष ने बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू करने की माग की है। उन्होंने आरोप लगाया है कि राज्य में गणतंत्र नाम की चीज भी नहीं है। यहां संविधान का कोई अस्तित्व नहीं है और ना ही अदालत के आदेश का सम्मान किया जा रहा है। इसलिए यहा राष्ट्रपति शासन लागू होना चाहिए। उन्होंने बताया कि वे घटना की पूरी रिपोर्ट केंद्र सरकार को देंगे। इस बारे में भाजपा प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को राजभवन में राज्यपाल केंसरीनाथ त्रिपाठी से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा। घोष ने बताया राज्यपाल ने इस विषय पर गौर करने का आश्वासन दिया है। गाधी मूर्ति के सामने धरना पर बैठे लोगों में केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल, नेता मुकुल राय व देवश्री चौधरी सहित काफी संख्या में भाजपा कार्यकर्ता शामिल थे। गौर हो कि उक्त संकल्प यात्रा की शुरूआत दीघा से 11 जनवरी को हुई थी जो 18 जनवरी को संपन्न होने वाली थी, लेकिन हमले के कारण इसे बीच में ही स्थगित कर दिया गया

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