चित्रकूट में खुलेआम अवैध खनन हो रहा है और प्रशासन इस और ध्यान तक नही दे रहा. बिना इजाजत ब्लास्टिंग, मशीनों से खनन कर प्राकृतिक नुकसान और ऐसी कई गतिविधियाँ योगी सरकार की सख्ती और कानून के साथ खिलवाड़ कर रही हैं.

चित्रकूट जंगलों, पहाड़ों में अवैध खनन का बोलबाला:

यूपी सरकार अवैध खनन और भूमाफियाओं को लेकर बेहद गंभीर है. राज्य की योगी सरकार पहले ही प्रशासनिक अधिकारियों को ऐसे अपराध पर कड़ाई करने का आदेश भी दे चुकी है. पर अधिकारियों के कानों तक शायद मुख्यमंत्री की आवाज नही पहुचीं है. इसकी का परिणाम है कि चित्रकूट में भरतकूप के पहाड़ों में जमकर अवैध खनन हो रहा है. स्थिति यह हैं कि मशीनों से और ब्लास्टिंग के जरिये दिन दहाड़े अवैध खनन होने पर भी प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान ही नही देते.

एनजीटी के नियमों को रखा ताक पर:

चित्रकूट में एनजीटी के नियमों को ताक पर रख कर जिले में खुले आम अवैध खनन हो रहा है. बिना अनुमति के माफिया खदानों में ब्लास्टिंग तक कर रहे है. जिससे आये दिन क्षेत्र में दुर्घटनाएं भी हो रही है. खनिज विभाग की मिली भगत से जिले के भरतकूप के पहाड़ों में खुलेआम पोकलैंड और हैमर से खनन हो रहा है। बिना परमीशन लिए और मानकों की अनदेखी करते हुए माफियाओं खदानों में ब्लास्टिंग कर रहे है. इससे आये दिन क्षेत्र में दुर्घटनाएं हो रही हैं. लेकिन फिर भी इस मामले को गंभीरता से नही लिया जा रहा है.

मजदूरों का नही है रजिस्ट्रेशन और बीमा:

इस तरह हो रहे खनन में मजदूरों की जान को भी खतरा रहता है. बावजूद इसके मजदूरों का ना तो श्रम विभाग से किसी प्रकार का कोई रजिस्ट्रेशन हुआ है और ना ही उनका बीमा है. जो पुरी रारिके से गैरकानूनी भी है.

खदानों का नही करवाया सीमांकन:

खनन विभाग और अन्य सम्बन्धित विभागों ने अब तक सूबे के खदानों का सीमांकन तक नही करवाया है. जिसकी वजह से माफिया आसानी से विभाग की आँखों में धूल झोंक कर खुलेआम अवैध खनन करने में भी नही कतराते है.

दो दर्जन से अधिक अवैध खदानों का संचालन:

सीमांकन ना होने की वजह से ही भरतकूप में 2 दर्जन से अधिक अवैध खदानों का संचालन हो रहा है. पहाड़ी क्षेत्र खदानों में अवैध खनन के दौरान पर्यावरण के नियमों की जमकर अनदेखी हो रही है। दिन रात पोकलैंड से लेकर जेसीबी मशीनें रात को घाट से सैकड़ों ट्रक बालू निकालकर बेच रहे हैं। इन सबके बीच पर्यावरण के नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं।

सरकार की सख्ती के बावजूद क्षेत्र में अवैध खनन थमने का नाम नहीं ले रहा है। धन कमाने की चाहत में व्यवसायी वन आच्छादित पहाड़ों का खनन करने से नहीं चूकते हैं। इतना होने के बावजूद विभागीय आला अधिकारी मामले से अंजान हैं.

इस तरह हो रहे अवैध खनन से आसपास के लोगों को तो खतरा हो ही रहा है. प्राकृतिक नुकसान भी अलग हो रहा है. खनन विभाग से पूछने पर उन्होंने कुछ भी बताने से मना करते हुए कहा कि उनको कोई जानकारी नही है. लेकिन यह गंभीर बात है कि प्रशासन की अनदेखी या लापरवाही से भरतकूप के पहाड़ों का वजूद खतरे में है

UTTAR PRADESH NEWS की अन्य न्यूज पढऩे के लिए Facebook और Twitter पर फॉलो करें