उत्तर प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के साथ ही लोगो के दिलों में उम्मीद जगी की शायद अब उनकी मूलभुत समस्याएँ समाप्त हो जाएंगी, लेकिन प्रदेश में योगी राज आने के बाद भी फिलहाल ऐसा होता नज़र नही आ रहा है. जिसके चलते कई जगहों पर शासन और प्रशासन का विरोध किया जा रहा है. ताज़ा मामला यूपी के मेरठ जनपद का है जहाँ 5 महीनों से अफसरों की चौखट के चक्कर काट रहे नेत्रहीन बच्चों के इकलौते गवर्नमेंट कालेज के छात्र 5 दिन से हड़ताल पर है. लेकिन इसके इसके बावजूद इस दिव्यांगो के साथ कलैक्ट्रेट में दुर्व्यवहार किया गया.

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नेत्रहीन और निर्बल बच्चों को एडीएम साहिबा दिखा रहे कुर्सी का रौब-

  • हर जिले में सरकार ने एक स्कूल नेत्रहीन बच्चों के लिए बनाया हुआ है.
  • इसी क्रम में यूपी के मेरठ में भी नेत्रहीन बच्चों के लिए एक गवर्नमेंट कालेज बना है.
  • इस कॉलेज के छात्र 5 महीनों से जिले के आला अफसरों के चक्कर काट रहे है.
  • दरअसल इस बच्चों को इस बच्चों को सरकार की तरफ से हर महीने छात्रवृत्ति दी जाती है.

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  • जिससे ये अपनी ज़रूरतों को पूरा करते हैं .
  • पहले इन बच्चों को 1200 रुपया महिना छात्रवृत्ति मिलती थी.
  • जिसे पूर्व की अखिलेश सरकार ने जनवरी 2016 से बढ़ा कर दो हजार रूपये कर दिया था.
  • लेकिन मेरठ के अफसरों के चलते इन बच्चों को 800 रूपए कम मिल रहा है.
  • यही नही योगी सरकार के बच्चे के बाद से पिछले कुछ महीनों से उनको छात्रवृति नहीं मिली है.

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  • जिससे इन नेत्रहीन बच्चों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
  • ऐसे में अब आँख से न देख पाने वाले इन बच्चों को अफसरों देख कर भी अनदेखा कर रहे हैं.
  • यही नही इस बच्चों को रठ के बड़े अफसरों के ताने और लताड़ भी सुनने को मिल रही है.

मीडिया के कैमरों को देखकर रुके कमिश्नर साहब-

  • छात्रवृत्ति के लिय परेशान छात्र एडीएम साहब के दर पर पहुंचे थे.
  • लेकिन एडीएम प्रवीणा अग्रवाल छात्रवृत्ति की जगह निर्बल बच्चों पर अपनी कुर्सी का रौब दिखाया.
  • ऐसे में बेचारे बच्चे एडीएम की लताड़ खाने के बाद कमिश्नर के दफ्तर जा पहुँचे.
  • लेकिन कमिश्नर प्रभात कुमार ने भी इन बच्चों को आफिस में आने से रोक दिया.

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  • जिसके चलते सारे बच्चे धूप में सड़क पर ही बैठ गये.
  • लेकिन इसके बाद भी कमिश्नर साहब ने इस बच्चों पर ध्यान नही दिया.
  • फिर जब कमिश्नर साहब अपने घर जाने के लिए निकले तो मीडिया के कैमरों को देखकर रूक गये.
  • कार से उतरकर उन्होंने केवल इतना कहा कि सुन लिया है…अब जाओ…हम देख लेगे.

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