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जांबाज सिपाही ने बहादुरी दिखाते हुए जान पर खेलकर बचाया पूरा गांव

Brave Cop Ashish Tiwari gas leak thakurganj: Brave Cop saved village life

gas leak thakurganj: Brave Cop saved village life

राजधानी के रिहायशी इलाकों में अवैध कारखाने धड़ल्ले से चल रहे हैं, लेकिन पुलिस और प्रशासन के अधिकारी आंखें मूंदे रहते हैं। जब हादसे होते हैं, तब संबंधित अफसरों की नींद टूटती है। कार्रवाई करने के आदेश होते हैं, लेकिन कुछ दिन बाद आदेश कागजों में सिमट जाते हैं। फातिमा कॉलोनी में रहने वाले नौशाद व अन्य लोगों ने बताया कि पुलिस की मिली भगत से रिहाइशी इलाके में अवैध रूप से सालों से कारखाना चल रहा था। दो साल पहले पुलिस, प्रशासन को कारखाना हटवाने के लिए प्रार्थनापत्र दिया गया था, पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। पुलिस अगर कारखाना मालिक के खिलाफ कार्रवाई करती तो आज इतना बड़ा हादसा न होता।

सिपाही ने जान पर खेलकर पूरा गांव बचाया

हादसे के बाद इनोवा कार में लीकेज सिलिंडर को रखकर गोमती में फेंकने जा रहे कारखाने के कर्मचारी घैला गांव पहुंचे। जहां, गैस का रिसाव और तेज होने से ग्रामीणों को घुटन होने लगी। इस बीच कार सवार एक कर्मचारी की हालत बिगड़ गई। ग्रामीणों को मुताबिक यह देख कार में सवार दूसरा व्यक्ति भाग निकला। गैस रिसाव से पूरे गांव में हड़कंप मच गया। सूचना पर पुलिस बल के साथ इंस्पेक्टर मड़ियांव और दमकल की गाड़ी के साथ एफएसओ बीकेटी श्रीनारायण यादव मौके पर पहुंचे। गांव में गैस रिसाव तेज हो रहा था। यह देख इंस्पेक्टर के साथ मड़ियांव थाने के सिपाही आशीष तिवारी कार को भगाते हुए आईआईएम रोड के रास्ते घैला पुल पर पहुंचे। तेज गैस रिसाव से सिपाही आशीष की भी हालत बिगड़ने लगी, पर उसने अपनी जान की परवाह किए बिना सिलिंडर को गोमती नदी में फेंक दिया। हालांकि उसके बाद सिपाही की हालात बिगड़ गई। पुलिस ने सिपाही को गंभीर हालात में क्षेत्र स्थित अस्पताल में भर्ती कराया। जहां, उसकी हालात नाजुक बताई जा रही है।

टंकियां बनाने का अवैध काम, विरोध पर मिलती हैं धमकी

लोगों ने बताया कि तीन मंजिला मकान में हासिम ने बेसमेंट भी बना रखा है। बेसमेंट के अंदर और बाहर गलियारे तक बड़ी संख्या में टंकियां रखीं थीं। कारखाने में टंकियां बनाने का काम होता था। कारखाना मालिक से टंकियां हटवाने के लिए कहा जाता तो वह झगड़ा करने लगते थे।मकान के बाहर रखी हैं टंकियां, विरोध पर देता था धमकी1लोगों ने बताया कि तीन मंजिला मकान में हासिम ने बेसमेंट भी बना रखा है। बेसमेंट के अंदर और बाहर गलियारे तक बड़ी संख्या में टंकियां रखीं थीं। कारखाने में टंकियां बनाने का काम होता था। कारखाना मालिक से टंकियां हटवाने के लिए कहा जाता तो वह झगड़ा करने लगते थे।

इससे पहले भी हो चुके हादसे

15 सितंबर 2012 को बुलाकी अड्डा स्थित रोली आइसक्रीम फैक्ट्री में अमोनिया गैस का रिसाव हुआ था। रात भर दहशत के चलते आसपास रहने वाले लोग परिवार समेत घरों को छोड़कर भागने पर मजबूर हो गए थे। स्थानीय लोगों के अनुसार फैक्ट्री में लगे गैस सिलिंडर में विस्फोट भी हुआ है। हालत बिगड़ने पर दर्जनभर लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था।
23 अगस्त 2017 को चिनहट स्थित केमिकल के अवैध कारखाने में रिसाव होने से कई लोगों की हालत बिगड़ गई थी। उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। घटना के कुछ दिन बाद तक कारखाना बंद कर दिया गया, लेकिन फिर जस की तस स्थिति हो गई।

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