उत्तर प्रदेश के गोरखपुर जिले के BRD मेडिकल कॉलेज(BRD medical college) में ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने से 50 से अधिक लोगों की मौत हो गयी थी, जिसके बाद योगी सरकार को चौतरफा आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था। मामले में कमीशन और टेंडर का बहुत बड़ा खेल सामने आने की बात कही जा रही है। इस खेल के प्रमुख खिलाड़ी BRD मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा बताये जा रहे हैं।

टेंडर और कमीशन के खेल ने ली मासूमों की जान(BRD medical college):

  • BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई बंद होने के चलते 50 से ज्यादा लोगों ने अपनी जान से हाथ धोया था।
  • इसी बीच मामले में हुई मौतों की असली वजह टेंडर और कमीशन के खेल को माना जा रहा है।
  • जिसके मुख्य खिलाड़ी BRD मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा हैं।
  • सूत्रों की मानें तो, अस्पताल में पेमेंट की दिक्कत राजीव मिश्रा के प्रिंसिपल बनने से शुरू हुई हैं।
  • सूत्र बताते हैं कि, कई लोगों का मानना है कि,
  • हादसे का ठीकरा उनपर फोड़ा जायेगा, जिनकी पटरी राजीव मिश्रा से नहीं खाती है।

राजीव मिश्रा के आते ही शुरू हुई पेमेंट में देरी(BRD medical college):

  • BRD प्रिंसिपल के तौर पर राजीव मिश्रा की नियुक्ति 20 जनवरी 2017 को हुई थी।
  • ठीक इसे के बाद से ऑक्सीजन सप्लाई करने वाली कंपनियों की पेमेंट में देरी शुरू हो गयी।
  • BRD सूत्रों के मुताबिक, पुष्पा कंपनी पिछले 3 साल से लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई कर रही है।
  • लेकिन राजीएव मिश्रा की नियुक्ति के बाद उन्हें पुष्पा सेल्स का साथ पसंद नहीं आया।
  • पुष्प सेल्स के मालिक मनीष भंडारी ने 6 महीने के बकाये के गैस सप्लाई रद्द करने की बात कही थी।
  • सूत्र ये भी बताते हैं कि, मेडिकल कॉलेज में कमीशन के चलते दबाव की पॉलिटिक्स होती है।
  • मेडिकल कॉलेज के अधिकारी यही खेल पुष्पा सेल्स के साथ कई दिनों से खेल रहे थे।
  • सूत्र बताते हैं कि, प्रिंसिपल राजीव कमीशन के चलते बकाया पैसे रोकते थे।
  • जिसे कमीशन मिलने के बाद ही आगे बढ़ाया जाता था।

मोदी फार्मा के टेंडर को बिना कैंसिल किये नया टेंडर जारी(BRD medical college):

  • साल 2006 से BRD मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन सप्लाई करने का जिम्मा मोदी फार्मा के पास था।
  • जिनकी सेवाओं को हाल ही में राजीव मिश्रा द्वारा बिना किसी पूर्व सूचना के बंद कर दिया गया था।
  • बकौल मोदी फार्मा के निदेशक प्रवीण मोदी ने बताया था कि, कॉलेज प्रशासन ने उनके 150 सिलेंडर वापस करवा दिए थे।
  • इतना ही नहीं उन्होंने ये भी बताया कि, मेडिकल कॉलेज पर उनका भी तकरीबन 20 लाख बकाया है।
  • साथ ही राजीव मिश्रा ने मोदी फार्मा से बिना टेंडर रद्द किये, इलाहाबाद की एक कंपनी इम्पीरियल से सप्लाई शुरू कर दी थी।
  • गौरतलब है कि, लिक्विड ऑक्सीजन की कमी के बाद मोदी फार्मा ने ही स्थिति को संभाला था।

पुष्पा सेल्स पहले भी रोक चुकी है सप्लाई(BRD medical college):

  • सूत्रों से पता चला है कि, यह पहला मौका नहीं है जब पुष्पा सेल्स ने ऑक्सीजन की सप्लाई रोकी है।
  • शुक्रवार से पहले साल 2016 में भी कंपनी ने पेमेंट बाकी होने के चलते सप्लाई बंद की थी।
  • लेकिन दबी आवाज में कई लोग यह कह रहे हैं कि, पेमेंट कुछ दिन और रुक जाता, लेकिन सप्लाई नही रोकनी चाहिए थी।
  • इसके साथ ही सभी लोग एक सुर में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल राजीव मिश्रा को ही आरोपी मान रहे हैं।

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