आगामी लोकसभा चुनावों में कई बड़े राजनैतिक दिग्गज चुनाव मैदान में जनता के बीच अपनी किस्मत आजमाते हुए नजर आयेंगे। एक तरफ जहाँ पीएम नरेंद्र मोदी अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी से चुनाव लड़ेंगे तो वहीँ सपा अध्यक्ष और प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कन्नौज से लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। इस बीच खबरें हैं कि बसपा सुप्रीमों मायावती भी आगामी लोकसभा चुनाव में अपनी किस्मत आजमा सकती हैं।

अम्बेडकरनगर है मजबूत गढ़ :

बसपा प्रमुख मायावती 2004 में अम्बेडकरनगर से ही लोकसभा चुनाव जीती थीं। 2007 में मुख्यमंत्री बनने के बाद विधान परिषद की सदस्य बनीं और लोकसभा से इस्तीफा दे दिया। अम्बेडकरनगर बसपा का पुराना गढ़ रहा है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव राम अचल राजभर यहां के प्रभारी नेता हैं। अम्बेडकरनगर में पार्टी को मजबूत बनाए रखने के लिए वह लगातार यहां काम कर रहे हैं।

बिजनौर से तलाशी जा रहीं संभावनाएं

अम्बेडकरनगर के साथ ही उनके बिजनौर से भी चुनाव लड़ने की संभावनायें हैं। पश्चिमी यूपी में भी बसपा काफी मजबूत मानी जाती है। कैराना और नूरपुर में उपचुनाव न लड़ने के बाद भी मायावती की नजर यहां के वोटों के रुझान पर थी। एक तरफ जहाँ उन्होंने गोरखपुर और फूलपुर में सपा को खुला समर्थन दिया तो वहीं नूरपुर और कैराना में अंदरखाने में दलित वोटों पर पानी निगाह बनाये रखी। इन उपचुनावों में बीजेपी की हार से साफ है कि बसपा के कहने पर दलित वोट सपा को गया था। यही वजह है कि बिजनौर से लोकसभा चुनाव लड़ने का विकल्प भी तलाश जा रहा है।

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