2019 के लोकसभा चुनावों को लेकर उत्तर प्रदेश की सियासत काफी गर्म दिखाई दे रही है। सपा जहाँ बसपा से गठबंधन की बात कहती दिख रही है तो वहीँ बसपा ने अकेले ही सीटों पर लड़ने की तैयारी शुरू कर दी है। बसपा प्रमुख मायावती पदाधिकैर्यों के साथ बैठक कर चुनावी रणनीति बनाने में लगी हैं और इससे सम्बंधित निर्देश पार्टी नेताओं को दे रही हैं। इस बीच बसपा ने यूपी की 12 सीटो को लेकर बड़ा फैसला कर लिया है जिसके बाद नए समीकरण बनते दिख रहे हैं।

को-ऑर्डिनेटर को बसपा ने दी जिम्मेदारी :

लोकसभा चुनावों को लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती ने पार्टी के राष्ट्रीय स्तर से लेकर लोकल नेताओं व कार्यकर्ताओं को मैदान में उतार दिया है। इसके साथ ही 29 जुलाई को पार्टी के दोनों राष्ट्रीय कॉर्डिनेटर वीर सिंह व जयप्रकाश को मायावती ने वेस्ट यूपी का जिम्मा सौंपा है। बताया जा रहा है कि इसके पीछे पार्टी का लक्ष्य वेस्ट यूपी की 12 लोकसभा सीट सहारनपुर, मुजफ्फरनगर, कैराना, मेरठ, बिजनौर, नगीना, मुरादाबाद, संभल, बागपत, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, बुलंदशहर में पार्टी का संगठन मजबूत करना है। बसपा का लक्ष्य वेस्ट यूपी में 12 लोकसभा सीटों को साधने का है जिसके चलते पार्टी अपने कार्यकर्ताओं को उनकी जिम्मेदारी सौंपेगी।

कई जगह होगी बैठक :

उत्तर प्रदेश में मेरठ और सहारनपुर में 29 जुलाई को होने वाली मीटिंग के बाद अलीगढ़ व मुरादाबाद में भी मीटिंग की जाएगी। इस मुद्दे पर बसपा प्रदेश अध्यक्ष आर.एस कुशवाहां 23 व 24 जुलाई को सहारनपुर मंडल में रुकेंगे जहां वह पार्टी कार्यकर्ताओं व नेताओं से चुनाव की तैयारियों को लेकर बातचीत करेंगे। बताया जा रहा है कि 30 और 31 जुलाई को प्रदेश अध्यक्ष मुरादाबाद में संगठन के साथ चर्चा करेंगे।

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