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बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा ने दी सरकार को खुली चुनौती

BSP Ex MLA Yogesh Varma directly challenges state government

BSP Ex MLA Yogesh Varma directly challenges state government

जैसे जैसे 2019 के लोकसभा चुनाव नज़दीक आते जा रहे हैं वैसे वैसे सभी राजनीतिक दलों में बयानबाज़ी का माहौल गर्म होता जा रहा है. सभी राजनीतिक पार्टियां 2019 में होंने वालव चुनाव के लिए पूरी तरह कमर कस चुके हैं.बसपा दोबारा अपना हाथ सत्ता में जमाना चाहती है और बाकी सभी विपक्षी दल भी चुनाव के मैदान में अपने धुरंदर खड़े करने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. पक्ष और विपक्ष बयानबाजियों से अपनी बाते सामने रख रहे हैं. इसी बीच बहुजन समाज पार्टी  के पूर्व विधायक योगेश वर्मा का बयान सामने आया है. 

योगेश वर्मा बोले मुझे फर्जी मुकदमें में फंसाया:

लोकसभा के चुनाव होने पहले ही बसपा के पूर्व विधायक योगेश वर्मा का एक बयान सामने आया है. योगेश वर्मा ने अपने बयान में सरकार और प्रशासन को आढे हाथों लिया है. पूर्व विधायक ने सरकार प्रशासन पर इलज़ाम लगते हुए कहा है कि उन्हें एक फर्जी मुक़दमे में फंसाया जा रहा है. अपने इस बयान से मेरठ के पूर्व विधायक ने अपने लिए मुश्किलें खड़ी कर ली हैं. योगेश वर्मा यहीं नहीं रुके उन्होंने यह भी कहा कि बे उन पर लगाये गए इन सभी गलत इल्ज़ामो का बदला लेंगे.  उन्होंने अपने एक बयान में कहा “एक एक पल का हिसाब लूंगा फ़र्ज़ी मुकदमो में फसाया मुझे”. उन्होंने जेल से ही 2019 के लोकसभा चुनाव लड़ने का  एलान किया है. अपने बयान में विधयाक योगेश वर्मा ने कहा ” 2019 के चुनाव लडूंगा और सबका हिसाब लूँगा”.

 बसपा के पूर्व विधयाक योगेश वर्मा ने जेल से ही 2019 लोकसभा चुनाव लड़ने का  एलान किया है.  कचहरी में तारीख पर आए योगेश ने पुलिस कस्टडी में प्रशासन और सरकार को सीधी चनौती दी है. अपने ऊपर लगाई गई रासुका को योगेश वर्मा ने पूरी तरह से फर्जी बताया है. 2 अप्रैल के भारत बंद के दौरान हुए दंगो के मामले में योगेश वर्मा पर आरोप लगे हैं.

दंगे कराने का लगा है आरोप:

पुलिस रिपोर्ट के मुताबिक भारत बंद के दौरान बसपा नेता योगेश वर्मा शहर में जहां-जहां भी प्रदर्शन के दौरान पहुंचे थे,  वहीं-वहीं पर बवाल हुआ था. कचहरी स्थित अंबेडकर चौराहा, कंकरखेड़ा बाईपास समेत 12 जगहों पर बवाल होना बताया गया.  पुलिस अफसरों का यह भी दावा था कि योगेश वर्मा की गिरफ्तारी होते ही बवाल एकदम शांत हो गया था.  इस संबंध में योगेश वर्मा और उनके समर्थकों पर संगीन धाराओं में 12 मुकदमे दर्ज हुए थे. दावा था कि दो अप्रैल को योगेश ने प्लानिंग के तहत अपनी राजनीति चमकाने की खातिर शहर में बवाल कराया था.

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