उत्तर प्रदेश में जैसे-जैसे विधानसभा चुनाव नजदीक आते जा रहे हैं वैसे-वैसे प्रदेश में सियासी पारा भी बढ़ता जा रहा है। गोरखपुर की चिल्लूपार सीट से विधायक और पूर्व राज्यमंत्री राजेश त्रिपाठी ने कार्यकर्ताओं को एक सन्देश भेजकर बसपा से विदा ली।

  • राजेश त्रिपाठी ने 2007 में चिल्लूपार सीट से बसपा से चुनाव लड़कर  हरिशंकर तिवारी को मात दी थी। विधायक ने व्हाट्सप्प के जरिये कार्यकर्ताओं को एक भावनात्मक सन्देश भेजा।
  • उन्होंने सन्देश में लिखा, “मैं बसपा के अपने सभी साथियों से माफ़ी मांगना चाहता हूँ। आप सभी के भरोसे मैंने 10 साल तक पार्टी की सेवा की है, लेकिन अब मैं भारी मन से पार्टी से विदा लेना चाहता हूँ।
  • जो सीट कभी भी बसपा को नहीं मिली, वह  आप सभी के आशीर्वाद से मैंने जीती। जिसकी वजह से 2 बार मेरी हत्या की कोशिश भी की गई।
  • बसपा सूत्रों के हवाले से खबर है कि इस बार पार्टी राजेश त्रिपाठी को दरकिनार करके पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के परिवार से प्रत्याशी उतारने जा रही थी, जिस बात से राजेश नाराज बताये जा रहें थे।
  • राजेश त्रिपाठी के करीबी लोगों को कहना है कि शख्स को लोग यहां पर अपराजेय मान रहें थे उसको राजेश ने अपने कार्यकर्ताओं के बल पर हराया और निष्ठापूर्वक पार्टी की सेवा करी।
  • अब अगर ऐसे लोगों को बसपा लाएगी, तो कार्यकर्ताओं का मनोबल तो टूटता ही है। ऐसे में राजेश ने पार्टी से किनारा कर लिया।
  • मालूम हो कि पेशे से पत्रकार रहें राजेश ने चिल्लूपार सीट से अपराजेय माने जाने वाले हरिशंकर तिवारी को पराजित करके राजनितिक पंडितों को हैरान कर दिया था।
  • जिसके बाद बसपा ने उन्हें मंत्री पद से नवाजा था और पिछले विधानसभा चुनावों में जब सपा ने पूर्ण बहुमत की सरकार बनाई, तब भी राजेश ने यह सीट बसपा की झोली में डाल दी थी।
  • पत्रकार से नेता बने राजेश बलहड़गंज में ऐतिहासिक मुक्तिपथ के निर्माण से चर्चा में आये थें।
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