लखनऊ. राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को लेकर बसपा ने रविवार को भाजपा पर हमला बोल दिया है. बसपा की ओर से जारी किए गए बयान के मुताबिक, भाजपा को वर्ष 2012 से लेकर 2016 तक मिले चंदे में 92 फीसदी हिस्‍सा यानी 708 करोड़ रुपया उद्योगपतियों से मिला है.
  • ऐसे में बसपा ने यह सवाल उठाया है कि आखिर भाजपा जब उद्योगपतियों से ही चंदे के नाम पर इतना धन हासिल करेगी तो वह गरीबों व मजलूमों के लिए क्‍या करेगी.
  • बता दें कि बीते कुछ साल से राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को लेकर विभिन्‍न सामाजिक संगठन सक्रिय हो गए हैं.
  • हालांकि, इस विषय पर सभी दलों के मत अलग-अलग हैं.

बसपा ने लगाये ये आरोप-

  • बसपा का आरोप है कि भाजपा उद्योगपतियों के कहे मुताबिक ही हर निर्णय लेती है.
  • उनका कहना है कि भाजपा को वर्ष 2012 से 2016 तक सबसे ज्‍यादा कारोबारियों से चंदा मिला है.
  • आरोप है कि इस दौरान मिले कुल चंदे का 92 फीसदी सिर्फ उद्योगपतियों से ही दिया गया है.

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  • बसपा के मुताबिक, इन बरसों में भाजपा को कारोबारियों ने 708 करोड़ रुपया दान दिया है.
  • बता दें कि राजनीतिक दलों को मिलने वाले चंदे को लेकर पिछले काफी समय से विभिन्‍न सामाजिक संगठन प्रयास कर रहे हैं.

अन्‍ना हजारे के आंदोलन में भी गंभीरता से उठाया गया था ये विषय-

  • दरअसल, चंदे की रकम व दानदाताओं के नाम को सार्वजनिक करने की मांग लंबे समय से की जा रही है.
  • भ्रष्‍टाचार के खिलाफ हुए अन्‍ना हजारे के आंदोलन में भी इस विषय को गंभीरता से उठाया था.
  • हालांकि, राजनीतिक दलों में बहुतेरे नहीं चाहते कि चंदे की रकम को सूचना के अधिकार (RTI) के तहत लाया जाए.

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  • भाजपा ने भी इस विषय पर समय-समय पर अपने विचारों को बदलते हुए बयान जारी किए हैं.
  • यहां यह जानना जरूरी है कि राज्‍यसभा की सदस्‍या छोड़ने के बाद बसपा सुप्रीमो मायावती भाजपा से राजनीतिक द्वंद्व करने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं.
  •  यही नहीं वह भाजपा पर पिछले कई समय से भ्रष्‍टाचार बढ़ाने व साम्‍प्रदायिक सद्भाव को खत्‍म करने का आरोप भी लगा रही हैं.
  • हालांकि, इन आरोपों के बारे में जब भाजपा के प्रवक्‍ता से सम्‍पर्क करने की कोशिश की गई तो उन्‍होंने फोन नहीं उठाया.

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