बजट में पीएम मोदी के बजट की दिखेगी छाप

चुनावी साल में योगी की झोली जनता के लिए खुलेगी

लखनऊ। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ इस साल अपना तीसरा बजट पेश करने जा रहे हैं। इस बजट में पीएम मोदी के बजट की छाप दिखेगी। दलित, पिछड़े, जवान किसान सबको राहत देने वाला बजट इस बार यूपी सरकार भी तैयार करा रही है।

आला अफसर इसे अंतिमरूप देने जा रहे हैं। सूत्रों की मानें तो इस बार योगी की झोली जनता के लिए पूरी तौर से खोल दी जाएगी। प्रेक्षक इसे चुनावी बजट की संज्ञा दे रहे हैं और उनका दावा है कि प्रलोभन वाला बजट इस बार सरकार बनाने में जुटी है।

सदरन में सात फरवरी को रखा जाएगा बजट

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सरकार अपना तीसरा बजट विधानमंडल के दोनों सदनों में आगामी सात फरवरी को प्रस्तुत करेगी। यूं तो विधानमंडील सत्र पांच फरवरी से शुरू होने जा रहा है। विधानमंडल सत्र का विस्तृत कार्यक्रम गुरुवार को जारी किया गया। तय कार्यक्रम के मुताबिक बजट सत्र 22 फरवरी तक चलेगा। वर्ष का प्रथम सत्र होने के कारण पहले दिन पांच फरवरी को राज्यपाल रामनाईक दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे। वे अपने कार्यकाल के बारे में भी विस्तार से चर्चा करेंगे।

अभिभाषण पर चर्चा छह फरवरी से

सत्र की कार्यवाही के बारे में प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे ने बताया कि पांच फरवरी को राज्यपाल के अभिभाषण के बाद विधायी व अन्य कार्य निपटाए जाएंगे। छह फरवरी से अभिभाषण पर चर्चा शुरू करायी जाएगी। सात फरवरी को बजट प्रस्तुत करने के बाद अभिभाषण पर चर्चा जारी रहेगी। आठ फरवरी शुक्रवार को भी अभिभाषण पर चर्चा होगी। नौ और दस फरवरी को सदन की बैठक नहीं होगी। 11 फरवरी को अभिभाषण पर चर्चा कराने के बाद बजट पर सामान्य चर्चा भी आरंभ होगी। इसके बाद 12, 13 व 14 फरवरी को बजट पर सामान्य चर्चा जारी रहेगी। 16 व 17 को बैठक नहीं होगी। 15, 18, 19, 20 व 21 फरवरी को बजट अनुदानों पर चर्चा के बाद मतदान होगा। 22 फरवरी को बजट पारित किया जाएगा। बजट इस बार भी हंगामे के बीच होने की संभावना है।

योगी सरकार के पिछले साल का बजट सबसे बड़ा 

उत्तर प्रदेश सरकार ने 16 फरवरी 2018 को विधानसभा में वित्तीय वर्ष 2018-19 के लिये 4 लाख 28 हजार 384 करोड़ 52 लाख रुपये का बजट पेश किया था. यह पिछले वित्तीय वर्ष के बजट के सापेक्ष 11.4 प्रतिशत ज्यादा था। योगी सरकार का दूसरा बजट था। उत्तर प्रदेश के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने वर्ष 2018-19 का देश के सबसे बड़े राज्य यूपी के बजट को प्रस्तुत किया. इस बजट में कृषि, शिक्षा, रोजगार, ऊर्जा, गौ-रक्षा समेत कई मुद्दों पर जोर देने की कोशिश की थी। सरकार ने दावा किया था कि अब तक का सबसे बड़ा बजट है।

योगी सरकार का पहला बजट किसानों की कर्ज माफी के लिए

योगी सरकार ने जुलाई 2017 को यूपी विधानसभा में अपना पहला बजट पेश किया था। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने सदन में 3.84 लाख करोड़ का बजट प्रस्तुत किया जो यूपी के लिए अब तक का सबसे बड़ा बजट बताया गया। सरकार ने लगभग सभी वर्गों और योजनाओं का ध्यान रखते हुए, अगले पांच सालों में प्रदेश की विकास दर को 10 फीसदी करने का लक्ष्य तय किया था। इसके साथ ही 55,781 करोड़ रुपये की नई योजनाओं को भी बजट में शामिल किया गया था। योगी के पहले बजट में किसानों की कर्जमाफी के लिए 36 हजार करोड़ रुपये की व्यवस्था की गई थी।

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