प्रदेश की बीजेपी सरकार बेईमान बिल्डरों की शिकार अवाम को इंसाफ दिलाना चाहती है..लेकिन सरकार के अफसर चोर बिल्डरों को बचाने की कोई कोशिश छोड़ना नही चाहते. मेरठ में बेईमान बिल्डर अंसल ने रजिस्ट्री के बगैर ही एमडीए की जमीन ग्राहकों को बेच दी और मेरठ विकास प्राधिकरण का 32 करोड़ रूपया सालों से दबाये बैठा है. हाईकोर्ट के आदेश के बाद भी अंसल ने पैसा जमा नही किया.बाबजूद इसके मेरठ विकास प्राधिकरण के अधिकारी उसके खिलाफ अवमानना की अपील करने से बच रहे है.
विकास प्राधिकरण बना ढाल
- मेरठ में अंसल लैंडमार्क के सुशांत सिटी के सेक्टर चार में अपनी जिंदगी भर की पूँजी लगाकर आशियाने की चाहत में सैकड़ों लोगों ने 2012 से निवेश करना शुरू किया था.
- लेकिन 5 साल में घर का पूरा पैसा जमा करने के बाद भी इन लोगो को अपने सपनों का घर नही मिला है.
- दरअसल, अंसल लैंडमार्क ने मेरठ विकास प्राधिकरण से आवंटित जिस प्लाट पर 607 लोगों को प्लाट और मकान आवंटित किये, वह जमीन अंसल के मालिकाना हक में नही थी.
- अंसल ने आवंटन के बाद एमडीए को बकाया रकम अदा नही की और प्राधिकरण ने अंसल के हक में जमीन का बैनामा नही किया.
- लेकिन बेईमानी की नीयत रखने वाले अंसल ने 2013 से ही कागजों में आवंटियों को मौके पर कब्जा दे दिया.
- जबकि हकीकत में कब्जा तो दूर…ग्राहकों को तो यह भी नही मालूम कि उनका मकान या प्लाट कौन सा है.
विकास प्राधिकरण के अफसरों की मिलीभगत
- 2017 जुलाई में अंसल अचानक इस जमीन से जुड़े मुद्दे पर हाईकोर्ट गया तो ग्राहकों को मालूम पड़ा कि उन्होने अंसल से जो जायदाद खरीदी है.
- वह तो अंसल की है ही नही.
- हाईकोर्ट ने इस मामले में एमडीए के पक्ष में फैसला सुनाते हुए अंसल को दो महीनों की चार किस्तों करीब 32 करोड़ का भुगतान करने का आदेश दिया था.
- लेकिन बेईमान अंसल ने हाईकोर्ट के आदेश की धज्जियां उडा़ते हुए भुगतान नही किया.
- इस दौरान आक्रोशित आवंटियों ने अंसल के सेल्स और मार्केटिंग अफसरों को बंधक बनाकर मेरठ के कमिश्नर के सामने भी पेश किया.
- लेकिन वायदा और वायदाखिलाफी में महीने बीत गये कोई नतीजा नही निकला.
- मेरठ विकास प्राधिकरण के अफसर न तो अंसल से समझौता करते दिखते है और न ही उसके खिलाफ कोई कार्रवाई करना चाहते है.
- आवंटियों के आक्रोश को देखते हुए प्राधिकरण के अफसरों ने फिर से 18 दिसंबर को एक बैठक रख दी है जिसमें चाय-पानी के बाद ग्राहको को एक बार फिर से ठुल्लू दिखा दिया जायेगा.
- हाईकोर्ट के आदेश की नाफरमानी के खिलाफ मेरठ विकास प्राधिकरण हाईकोर्ट में अंसल के खिलाफ अवमानना की अपील कर सकता है.
- लेकिन अंसल से परदे के पीछे चल रही दोस्ती के चलते विकास प्राधिकरण के अफसरों को न तो सरकार के राजस्व की वसूली की फिक्र है और न ही ग्राहकों के आशियाने की.
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Kamal Tiwari
Journalist @weuttarpradesh cover political happenings, administrative activities. Blogger, book reader, cricket Lover. Team work makes the dream work.