राजधानी से सटे बाराबंकी जिले में डा.एपीजे अब्दुल कलाम प्राविधिक विश्वविद्यालय (एकेटीयू) के तीसरे कैम्पस के लिए जिस (builders sold land) जमीन को रखा गया था, उसकी खरीद-फरोख्त बिल्डरों और भूमाफिया ने कर दी। लेखपालों और पिछले एसडीएम की मिलीभगत के चलते इस जमीन पर कब्जा भी हो गया।

बाराबंकी में 66 एकड़ जमीन पर बनेगा AKTU का तीसरा कैंपस

बस्ती और मातीगांव गांव में दी गई जमीन

  • एकेटीयू को वर्ष 2001 में सरकार की ओर से 32 एकड़ जमीन बाराबंकी के बस्ती और मातीगांव गांव में दी गयी थी।
  • उस समय यहां टेक्निकल यूनिवर्सिटी का कैंपस बनाने का प्रस्ताव था।
  • बाद में जानकीपुरम में यह कैंपस बन गया। पिछले 16 साल से जमीन खाली पड़ी थी।
  • इसकी सुधि किसी ने नहीं ली। अब एकेटीयू ने तीसरा कैंपस बनाने की योजना तैयार की है।
  • जब एकेटीयू के अधिकारियों ने डीएम के साथ मिलकर मौके का मुआयना किया तो पता चला कि जमीन पर प्राइवेट बिल्डरों और अन्य लोगों ने कब्जा कर उसे बेच दिया है।
  • वर्ष 2015 में भी इस जमीन पर कब्जा होने की शिकायत हुई थी।
  • तत्कालीन डीएम ने जब इसकी जांच के आदेश दिए तो एसडीएम स्तर पर जांच में खेल कर दिया गया।
  • इसके बाद डीएम का (builders sold land) तबादला हो गया।
  • फलस्वरूप कब्जे को खाली ही नहीं कराया जा सका।
  • एक बार फिर से इस मामले के सामने आने पर एसडीएम नवाबगंज सुशील प्रताप सिंह ने भी जांच की।
  • SDM का कहना है कि मौके पर नक्शा नजरी मंगवाया गया।
  • पता चला कि इसका स्वरूप ही बदल गया है।
  • इसको सुरक्षित कर दिया गया है।
  • उधर, एकेटीयू के कुलपति प्रो.विनय कुमार पाठक ने कहा कि वह मुख्यमंत्री से इस मामले की जांच एसआइटी से कराने की मांग करेंगे।

एकेटीयू को और विस्तार देने में जुटे कुलपति

  • कुलपति प्रो. विनय कुमार पाठक एकेटीयू को और विस्तार देने में जुटे हुए हैं।
  • पहले सीतापुर रोड पर स्थित आइईटी में चल रहे एकेटीयू को अपने जानकीपुरम में स्थित नए भवन में शिफ्ट करवाने का काम शुरू किया और अब वह बाराबंकी में तीसरा कैंपस तैयार करने में जुट गए हैं।
  • एकेटीयू को वर्ष 2001 में सरकार की ओर से बाराबंकी के बस्ती गांव में 32 एकड़ और महुआ मऊ गांव में 34 एकड़ की जमीन दी गई थी।
  • इस तरह कुल 66 एकड़ की जमीन दो गांव में दी गई थी।
  • उस समय एकेटीयू के पास लखनऊ में अपना भवन नहीं था और यह आइईटी में चल रहा था।
  • इसका शिलान्यास भी 25 मई 2001 को करवाया गया, लेकिन फिर जानकीपुरम में जमीन खरीदकर यहां पर कैंपस बनाने का निर्णय ले लिया गया।
  • ऐसे में पिछले 16 वर्षो से यह जमीन ऐसे ही पड़ी हुई है।
  • तकनीकी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अब प्रस्ताव तैयार किया गया है कि एकेटीयू का तीसरा कैंपस स्थापित कर ग्रामीण अंचल के विद्यार्थियों को बेहतर ढंग से इंजीनियरिंग की पढ़ाई करवाई जाए।

अक्टूबर से शुरू हो सकता है निर्माण कार्य

  • एकेटीयू यहां पर स्थापित किए जाने वाले कौशल विकास केंद्र व स्टार्टअप सेंटर में इंडस्ट्री की मदद से नव प्रयोग को बढ़ावा देगा।
  • विद्यार्थी जाब सीकर बनने की बजाए जॉब क्रिएटर बने इस पर जोर दिया जा रहा है।
  • फिलहाल अक्टूबर से यहां पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया जाएगा।
  • फिलहाल इससे विद्यार्थियों को फायदा होगा।
  • यहां पर भव्य कौशल विकास केंद्र और स्टार्टअप के साथ-साथ कई और इंस्टीट्यूट खोले जाएंगे।
  • इंजीनियरिंग की विभिन्न शाखाओं में पीजी व रिसर्च के कोर्स यहां पर शुरू किए जाएंगे।
  • विद्यार्थियों को बेहतर (builders sold land) शिक्षा यूपी में ही रहकर मिल सके इसके लिए यहां पर विशेष इंतजाम किए जाएंगे।
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