झाँसी बुन्देलखण्ड की दशा और दिशा बदलने के लिए बुन्देलखण्ड चैम्बर आॅफ काॅमर्स एण्ड इंडस्ट्रीज की ओर से झांसी के पैरा मेडिकल काॅलेज में आज पहली बार बुन्देलखण्ड इंवेस्टर्स समिट की बैठक चल रही है।

आज हो रहा बुन्देलखण्ड इंवेस्टर्स समिट:

संसाधनों से संपन्न होने के बावजूद गरीबी की मार झेल रहे बुंदेलखंड के हालातों को सुधारने की दिशा में आज झांसी में बुन्देलखण्ड इंवेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया हैं.

इस समिट में झांसी की सांसद और केन्द्रीय मंत्री उमा भारती, प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना और श्रम एवं सेवायोजना मंत्री मनोहर लाल पंथ मौजूद है.

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इसके अलावा प्रदेश के एमएसएमई के मुख्य सचिव भुवनेश कुमार, इंफ्रास्ट्रक्चर और औद्योगिक विकास आयुक्त डा. अनूप चन्द्र पांडेय और बुन्देलखण्ड के सातों जनपद झांसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, महोबा और चित्रकूट के जिलाधिकारी भी कार्यक्रम में शामिल हैं.

इन जिलों के प्रतिनिधि हुए शामिल:

बुंदेलखंड के 7 जिलों के जिला अधिकारियों सहित उद्योग विभाग के अधिकारी समित में शामिल हुए. इनमे झांसी, जालौन, ललितपुर, बांदा, हमीरपुर, जालौन और चित्रकूट के जिलाधिकारी, उद्योग विभाग के अधिकारी और उद्यमी आएंगे।

600 से ज्यादा उद्यमियों ने लिया हिस्सा:

बुन्देलखण्ड इंवेस्टर्स समिट की इस बैठक में प्रदेश के सातों जिले के 6 सौ से ज्यादा उद्यमियों और उनके प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया है। औद्योगिक विकास के लिए चल रही समिट में विशेषज्ञ नये उद्योगों की योजना के विषय पर बतायेंगे.

डिफैन्स काॅरिडोर, पर्यटन, फूडी प्रोसेसिंग, आईटी सेक्टर, उर्जा और औद्योगिक नीति, बुन्देलखण्ड में कृषि आधारित उद्योगों की संभावनाएं पर चर्चा होगी।

बुन्देलखण्ड इंवेस्टर्स समिट की बैठक चार बजे तक चलेगी. इस दौरान शार्ट फिल्म के जरिये डिफेंस काॅरिडोर और उत्तर प्रदेश के विकास की झलकियां भी दिखाई जायेंगी।

समिट के उद्देश्य:

-पहली बार हो रहे बुंदेलखंड इंवेस्टर्स समिट का उद्देश्य है कि बुंदेलखंड में मटर, टमाटर, हल्दी, अदरक, तिलहन, दलहन पर आधारित उद्योगों की स्थापना की जाए।

-बुंदेलखंड में जड़ी-बूटियां, तेंदू पत्ता और बांस उपलब्ध है, गोपालन से पर्याप्त गोबर उपलब्ध रहता है। इस पर आधारित आयुर्वेदिक दवा उद्योग पनप सकता है, इसलिए गोबर और गोमूत्र से बनने वाली दवाओं पर टैक्स नहीं लगाने के बिंदु पर चर्चा होगी।

-खनिज संपदा के रूप में ग्रेनाइट, डायस्पोर, पैराफ्लाइट, मौरंग और बालू पर्याप्त है, इन पर आधारित उद्योग लगाने, रक्षा विभाग द्वारा 143 उत्पादों पर छोटे-छोटे उद्योगों की स्थापना करने तथा कृषि उपज पर आधारित उद्योगों की स्थापना की संभावनाओं को देखते हुए इन बिदुंओं पर कोई निर्णय निकलने की संभावना है।

इन मुद्दों पर भी होगी चर्चा

– गेल की गैस पाइप लाइन गुना से झांसी होकर निकलती है। पाइप लाइन की गैस का उपयोग आगरा और फिरोजाबाद की औद्योगिक इकाइयों द्वारा किया जाता है। झांसी में गैस का उपयोग क्यों नहीं हो पा रहा है।

– दस एकड़ में फैला उद्योग विभाग का चीनी पात्र विकास केंद्र कोछाभांवर 25 साल से बंद पड़ा है, इसे शुरू करने में क्या कठिनाई आ रही है।

– 1972 में 80 एकड़ जमीन पर शुरू हुई सूती मिल 25 साल से बंद चल रही है। जमीन पर भूखंड तैयार कर नए उद्योग स्थापित करने के लिए उद्यमियों को आवंटित करने में क्या कठिनाई आ रही है।

– झांसी मुख्यालय के आसपास अधिकांश जमीन बंजर है और ग्राम समाज की है। यह जमीन चिह्नित कर उद्यमियों को आवंटित की जाए, ताकि नए उद्योगों की स्थापना हो सके। आने वाली कठिनाइयां दूर की जाएं।

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