रक्षा मंत्रालय की गरीब बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना कही से भी इन बेटियों के लिए सुखद साबित नहीं हो रही है। इसकी पोल उस वक़्त खुली जब इसकी जांच करने छावनी परिषद उपाध्यक्ष पहुंची। यहाँ रहने वाली बेटियों ने कुछ इस अंदाज़ में अपना दर्द बयां किया। आंटी ये दीदी मुझे आधी कटोरी दाल देती है। दोबारा मांगने पर डांट देती है। दिन में रोटी तो कभी मिलती नहीं है। गीला और अधपका चावल दिन में मिलता है। यदि वह बच जाए तो रात में फिर से खाना पड़ता है। छावनी परिषद के हास्टल में रहने वाले मासूम बेटियों ने  मंगलवार को यहां उनको मिल रहे घटिया खाने की पोल खोली तो जांच करने गयी उपाध्यक्ष और दो निर्वाचित सदस्य भी हैरान हो गयी।

42 छात्राओं के खाने का है प्रबंध

  • रक्षा मंत्रालय की गरीब बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने की योजना है।
  • इसके तहत लखनऊ छावनी परिषद ने मंगला देवी स्कूल में हास्टल बनाया है।
  • इस हास्टल में मध्य कमान के अंतर्गत आने वाले सात राज्यों की गरीब बेटियों को रखा गया है।
  • को मुफ्त रहने की और खाने की सुविधा दी जाती है।
  • जबकि तोपखाना बाजार के आरए बाजार हाईस्कूल में उनकी मुफ्त शिक्षा परिषद प्रशासन करता है।
  • यहां रहने वाली 42 छात्राओं के खाने के लिए एक निजी कंपनी को ठेका मिला है।
  • यह कंपनी 3700 रुपये प्रतिमाह हर छात्रा की दर से खानपान मुहैया कराती है।
  • हर माह 1.55 लाख रुपये खानपान का वसूलने के बावजूद छात्राओं को घटिया खाना मिलता है।
  • इसकी शिकायत पिछली बोर्ड बैठक में उपाध्यक्ष अंजुम आरा, सदस्य रूपा देवी और रीना सिंघानियां ने की थी।
  • इसके चलते कंपनी के ठेके के विस्तार का आदेश निरस्त कर दिया गया।
  • जबकि सीईओ एनवी सत्यनारायण ने उपाध्यक्ष और दोनो सदस्यों को जांच करने का आग्रह किया।
  • कंपनी ने अपने मैन्यू में दूध, दही, मिठाईयां, त्योहार में मटर पनीर जैसे पकवान शामिल किये है।
  • जबकि यहां रहने वाली छात्राओं ने बताया कि दही और मिठाई को दूर कभी समोसा तक नहीं मिला।
  • दो साल से मटर पनीर बनना भी बंद हो गयी। डेढ़ कल्छी दूध मिलता है लेकिन उसमें पानी बहुत होता है।
  • महीने में एक बार छोला भठूरा बन जाता है। पानी मिली आधी कटोरी दाल मिलती है।
  • दोबारा मांगने पर नहीं दी जाती है। सुबह टिफिन में दो पराठा नाश्ते में मिलता है।
  • कई बार वापस आने में समय हो जाता है तो भूख से बेहाल हो जाते हैं।
  • दिन में कभी रोटी नहीं मिलती है। कंकड़ मिला चावल, पानी वाली दाल और सिर्फ आलू की सब्जी नसीब होती है।

सौंपी गयी रिपोर्ट

  • जांच करने के बाद उपाध्यक्ष अंजुम आरा, सदस्य रूपा देवी और रीना सिंघानियां ने रिपोर्ट मुख्य अधिशासी अधिकारी एनवी सत्यनारायण को सौंप दी।
  • एनवी सत्यनारायण एक सप्ताह के दौरे पर बाहर चले गए हैं। उन्होंने वापस आकर कार्रवाई की बात कही है।
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