करगिल युद्ध में खालूबार पोस्ट पर फतह करते हुए शहीद हुए कैप्टन मनोज पाण्डेय की शहादत को आज पूरा देश याद कर रहा है। बम और गोलियों की बारिश के बीच बेहद विषम परिस्थितियों में भी कैप्टन मनोज पांडेय ने अपने पराक्रम से वह अहम लड़ाई लड़ी जिसने करगिल युद्ध में जीत का रास्ता तय किया।

कैप्टन मनोज पाण्डेय के स्मृति में आज लखनऊ के सैनिक स्कूल में शहादत दिवस का कार्यक्रम होगा। यह वही सैनिक स्कूल है जहां मनोज पाण्डेय ने कभी शिक्षा प्राप्त की थी इस स्कूल से ही मनोज पाण्डेय ने सेना में शामिल होने की तैयारी कर ली थी।

  • लखनऊ स्थित सैनिक स्कूल में कैप्टन मनोज पाण्डेय की पुण्यतिथि पर उनकी स्मृति में यह कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है।
  • शाम 5 बजे होने इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक भी सैनिक स्कूल पहुचेंगे।
  • मनोज पांडेय जिस 11 गोरखा राइफल्स से थे वह लखनऊ में ही स्थित है।
  • हर साल 11 गोरखा राइफल्स रेजीमेंट सेंटर के अधिकारी अपने जांबाज की पुण्यतिथि पर शहादत दिवस मनाते हैं।
  • उनका याद में ही लखनऊ छावनी में शहीद कैप्टन मनोज पांडेय चौराहा और एक तरणताल बनाया गया है।
  • इसी यूनिट में रहें पूर्व सैनिक संघ के अध्यक्ष मेजर आशीष चतुर्वेदी बताते हैं कि शहीद कैप्टन मनोज पाण्डेय को जवान अपना आदर्श मानते हैं।
  • उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में 25 जून 1975 को जन्में मनोज पांजेय की शिक्षा लखनऊ स्थित उत्तर प्रदेश सैनिक स्कूल में भी हुई थी।
  • रक्षा सेवा में चयन होने के बाद मनोज पांडेय ने पुणे स्थित खड़कवासला राष्ट्रीय रक्षा अकादमी में प्रशिक्षण हासिल किया था।

कैप्टन मनोज पाण्डेय: कारगिल युद्ध में ‘खालूबार’ की जीत का नायक!

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