आजमगढ़ जिलें में बुनकर समितियों पर करोड़ों के घोटाले का मामला सामने आया था जिसके बाद अब इसी कड़ी में जिलाधिकारी ने संज्ञान लेते हुए इन घोटालेबाज बुनकर समितियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए हिं. बता दें कि इससे पहले एडीएसटीओ के जांच पर उनका पत्नी सहित ट्रांसफर करवा दिया गया था, जिसके बाद में मुख्यमंत्री कार्यालय से रुकवाया गया.

डीएम ने दिए मामला दर्ज करवाने के निर्देश:

बुनकरों की बदहाली को सुधारने के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार ने आजमगढ़ में 1.44 करोड़ रुपये बजट दिया था. जिसका 11 सोसाइटियों ने बंदरबांट कर बड़ा घोटाला किया था. जिसके बाद इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी शिवाकांत द्विवेदी ने सहायक आयुक्त हथकरघा एवं वस्त्रोद्योग मऊ को बुनकर सोसाइटियों के विरुद्ध एफआइआर दर्ज करने का निर्देश दिये हैं.
यही नहीं जिलाधिकारी ने गबन की गई धनराशि को ब्याज सहित वसूलने का आदेश जारी करते हुए एक सप्ताह के अंदर की गयी कार्रवाई से अवगत कराने को भी कहा है. वहीं जिलाधिकारी के इस कड़े रुख के बाद बुनकर समितियों में हड़कंप मच गया है.

11 समितियों ने किया घोटाला:

  1. मेसर्स भारती हैंडलूम को.सो.लि. पूरा रानी : 13,88,400 रुपये
  2. मेसर्स विकास बुनकर स.लि. नयापुरा : 8,54,400 रुपये
  3. मेसर्स न्यू इंडिया हैंडलूम को.सो.लि. पुरा खिजिर : 17,30,000 रुपये
  4. मेसर्स संगम हैंडलूम को.सो.लि. पूरा रानी : 15,14,600 रुपये
  5. मेसर्स गोल्डेन सिल्क हैंडलूम को.सो.लि. समौधी : 16,01400 रुपये
  6. मेसर्स इंडियन हैंडलूम सहकारी संघ लि. पूरा दीवान : 16,85,600 रुपये
  7. शमा इंडिया को.सो.लि. पूरा दीवान : 18,17,200 रुपये
  8. मेसर्स भारत हैंडलूम को.सो.लि. पूरा रानी 17,10,400 रुपये
  9. डायमंड सिल्क बुनकर उद्योग सहकारी संघ पूरा रानी 8,24,600 रुपये
  10. रेशमी करघा सहकारी संघ लिमिटेड कटरा 9,17,800 रुपये
  11. आधुनिक बुनकर सहकारी संघ पूरा सोफी : कूटरचित बनाया है प्रस्ताव

एडीएसटीओ सुनील सिंह की जांच के बाद कार्रवाई:

बता दें कि मामला काफी समय से लम्बित था. इस मामलें के संज्ञान में आने के बाद जांच भी हुई थी. लेकिन जांच के बाद भी पिछले एक साल से बुनकर समितियों पर कार्रवाई नहीं हो रही थी.

गौरतलब हैं कि इस मामलें में एडीएसटीओ सुनील सिंह की जांच के बाद जांच प्रभावित करने के लिए घोटालेबाज समितियों ने एडीएसटीओ सुनील सिंह और उनकी पत्नी अर्चना सिंह का ट्रांसफ़र करवा दिया था. जिसके बाद सीएम आफिस के हस्तक्षेप पर अधिकारी दंपति का ट्रांसफर रुकवाया गया.

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